राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रभावी संचालन पर विशेष जोर देती है। वह इसमें समाज के सहयोग की भी अपेक्षा करती है। पिछले दिनों यह भी सुझाव था कि लोग अपने बच्चों का जन्मदिन भी आंगनबाड़ी केंद्रों में मनाए तो यहां रहने वालों का उत्साह बढ़ेगा। इन विचारों का मूल उद्देश्य माताओं व शिशुओं के सुपोषण व शिक्षा के प्रति जागरूकता लाना है। आनन्दी बेन इसके दृष्टिगत प्रशिक्षण को भी उपयोगी मानती है। उनकी प्रेरणा से इस प्रकार का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि शिशु शिक्षा के लिए आयोजित किया गया यह आंगनवाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण के उपरान्त व्यवहारिक कार्यक्षेत्र में शिशु शिक्षा के लिए नए प्रयोग भी करना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को ऐसे प्रशिक्षण कंठस्थ रखने चाहिए। उसे व्यवहार में लाते समय संकोच नहीं करना चाहिए।
शिक्षा के समय बच्चों से होने वाली छोटी छोटी भूलों ओर बच्चों के सीखने की प्रक्रिया पर विशेष सजगता रहनी चाहिए। आनंदीबेन पटेल ने डा एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के आईईटी स्थित सभागार में चल रहे तीन दिवसीय आंगनवाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रतिभाग किया।
उन्होंने Shishu Shiksha.in एप का विमोचन भी किया। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा। इस एप पर समस्त आंगनवाड़ियों, वहां के संसाधन, कार्यकत्रियों,शिशु शिक्षण का प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध रहेगा। इसके साथ ही एप पर सूचनाओं को अपलोड करना, डिजिटल रिकार्ड रखना तथा डाउट फोरम पर जाकर प्रश्नोत्तर भी किया जा सकेगा। आनन्दी बेन ने कहा गीत-संगीत ओर चित्र से बच्चे सहज भाव से ज्ञान अर्जित कर लेते हैं। लखनऊ के आंगनवाड़ी बच्चों के पंचतंत्र भ्रमण के लिए राजभवन खोला जायेगा।
उन्होंने बच्चों को गांव तथा गांव के निकटस्थ स्थलों पर भ्रमण कराकर शिक्षा देने पर जोर दिया। महिला एवं बाल विकास द्वारा गर्भवती महिलाओं हेतु आंगनवाड़ी पर चलाए जा रहे गोदभराई कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि गोद भराई के समय गांव की महिलाओं को शिशु पालन का शिक्षण भी दें। उन्होंने कहा गर्भस्थ शिशु-दर पर वातावरण का असर भी पड़ता है। इस संदर्भ में उन्होंने चिकित्सा से वैराग्य लेने वाले डा सैमसंग की आत्मकथा से गर्भपात के समय गर्भस्थ शिशु के व्यवहार का उल्लेख भी किया।
उन्होंने कहा महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग गर्भस्थ शिशु का ज्ञान देने वाले चित्र प्रदर्शित पैम्फलेट बनाकर गांवों तक उपलब्ध कराएं। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा गोदभराई कार्यक्रम चलाने की सराहना भी की।