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सीने में दर्द के होते हैं कई कारण,ना करें नज़रअंदाज…

जब कभी व्यक्ति को बहुत तेज सीने में दर्द होता है तो व्यक्ति इसे हार्ट अटैक समझकर घबरा जाता है, वहीं हल्का दर्द होने पर व्यक्ति उसे अनदेखा करता है और खुद−ब−खुद ठीक होने का इंतजार करता है। यह दोनों ही तरीके गलत है। सीने में दर्द के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−

हाई ब्लडप्रेशर
जब व्यक्ति का रक्तचाप एकदम से बढ़ जाता है तो इससे व्यक्ति को सीने में दर्द होता है। दरअसल, जब रक्त का चाप बढ़ जाता है तो उसका असर व्यक्ति के ह्दय पर भी पड़ता है और उसे सीने में दर्द की शिकायत होती है।
एसिडिटी
सीने में दर्द का यह एक आम कारण है। खानपान में बरती गई लापरवाही के कारण व्यक्ति को एसिडिटी की समस्या होती है और जब एसिड वापिस ऊपर की तरफ आता है तो व्यक्ति को सीने में जलन व दर्द होने लगता है।
तनाव
आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन अत्यधिक तनाव भी सीने में दर्द की वजह बन सकता है। दरअसल, जब व्यक्ति तनाव में होता है तो उसकी ह्दय गति बढ़ जाती है। इससे न सिर्फ व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है, बल्कि सीने में दर्द भी होता है।
फेफड़े की बीमारी
फेफड़े में किसी तरह की समस्या होने पर भी व्यक्ति सीने में दर्द की शिकायत होती है। फेफड़े से संबंधित बीमारी होने पर व्यक्ति को सीने में दर्द के साथ−साथ सांस लेने और खांसने में भी दर्द की शिकायत होती है।
हार्ट अटैक
सीने में दर्द की एक सबसे बड़ी वजह हार्ट अटैक भी है। दिल से जुड़ी रक्त धमनियां जब अवरूद्ध हो जाती हैं तो ह्दय तक रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। जिससे व्यक्ति को सीने में दर्द व हार्ट अटैक होता है।
तंत्रिका समस्या
कई बार चोट लगने पर भी व्यक्ति की छाती में दर्द होता है। इसके अतिरिक्त पसलियों में सूजन के कारण भी व्यक्ति को सीने में दर्द की शिकायत होती है। इसके अतिरिक्त स्पाइन में इंजरी होने पर भी व्यक्ति को सीने में दर्द हो सकता है।
बरतें सावधानी
अगर आप चाहते हैं कि आपको दिल हमेशा दुरूस्त रहे तो इसके लिए आपको ही सतर्क होना पड़ेगा। कुछ सावधानियों को बरतने पर आप लंबे समय तक अपने ह्दय को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। सबसे पहले तो अपने खानपान पर ध्यान दें। कोशिश करें कि आप घर का बना ताजा व पौष्टिक आहार ही लें और वो भी समय पर। इसके अतिरिक्त भोजन में नमक को सीमित करने की कोशिश करें। आहार में अतिरिक्त नमक कई बीमारियों का कारण बनता है। वहीं धूम्रपान से भी व्यक्ति को कई ह्दय संबंधी रोग होते हैं, इसलिए इनसे बचने का प्रयास करें। इतना ही नहीं, व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। कुछ देर तक नियमित रूप से व्यायाम अवश्य करें।

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