लोकसभा में सूचना के अधिकार कानून संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोनिया गांधी ने आरोप लगाते हुए बोला है कि केन्द्र सरकार ऐतिहासिक सूचना का अधिकार कानून -2005 को पूरी तरह से निष्प्रभावी बनाना चाहती है।
उन्होंने बोला कि इस कानून को व्यापक विचार-विमर्श के बाद संसद ने इसे सर्वसम्मति से पारित किया था। अब यह कानून खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है। उन्होंने बोला कि बीते एक दशक में करीब 60 लाख से अधिक देशवासियों खासकर स्त्रियों ने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया है।
इस कानून की मदद से प्रशासन के सभी स्तरों में पारदर्शिता व निष्पक्षता को बेहद मजबूत बनाया गया है। आरटीआई के अधिकाधिक इस्तेमाल से समाज के निर्बल वर्ग को बहुत लाभहुआ है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए बोला है कि मौजूदा केन्द्र सरकार आईटीआई को अनुपयोगी मानती है।
मौजूदा केन्द्र सरकार उस केंद्रीय सूचना आयोग के स्वतंत्रता को खत्म करना चाहती है, जिसे केंद्रीय निर्वाचन आयोग एवं केंद्रीय सतर्कता आयोग के समकक्ष रखा गया था।उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी ने यह बयान लोकसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद आरटीआई संशोधन विधेयक बिल 2019 पास होने के बाद दिया है।