महाराजगंज/रायबरेली। क्षेत्र के अति प्राचीन शिव मंदिर में यूं तो प्रत्येक दिन 500 शिव भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं लेकिन श्रावण मास शुरू होते ही पहले ही सोमवार से यहां दूरदराज से आए हजारों शिव भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर बेलपत्र, पुष्प, अक्षत आदि अर्पित कर जलाभिषेक कर आशीर्वाद की कामना की जाती है।
मान्यता है कि यह जो भी शिव भक्त सच्चे मन से प्रभु की आराधना करता है उसकी हर मनोकामना भगवान भोलेनाथ पूर्ण करते हैं। श्रावण मास में यहां मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी तादाद रहती है। शिवरात्रि के ठीक दूसरे दिन मंदिर में नगरवासियों के सहयोग से विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। जहां पूरे क्षेत्र व दूरदराज से लोग आकर भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर भगवान भोलेनाथ से आशीर्वाद की कामना करते हैं। मान्यता है कि यहां आने वाले हर वक्त की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
बताते हैं तकरीबन 100 वर्ष से अधिक अति प्राचीन कस्बे के श्री दानेश्वर मंदिर को राजा चंदापुर के पूर्वजों ने बड़े ही शान शौकत के साथ बनवाया था। कई वर्ष पूर्व कांग्रेसी सांसद सोनिया गांधी के सौजन्य से श्री दानेश्वर मंदिर व तालाब का ग्रामीण अभियंत्रण खंड रायबरेली केंद्रीय योजना से 85.61 लाख की लागत से सौन्दर्यी करण कराया गया है। मंदिर के ठीक पीछे स्थित सगरा काफी गहरा है जो मंदिर व श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बिंदु है।
श्रावण मास में भोर 4:00 बजे से ही आदिदेव भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक शुरू हो जाता है। जलाभिषेक के लिए भक्तों की बड़ी-बड़ी लंबी लाइन देखते ही बनती है। हर-हर महादेव भगवान भोलेनाथ, श्री गणेश भगवान, माता पार्वती के गगनभेदी नारों से समूचा मंदिर परिसर व नगर भक्तिमय वातावरण में तब्दील हो जाता है। यह मंदिर परिसर में प्रत्येक वर्ष मनौती पूर्ण होने वाले भक्तों द्वारा चार-पांच भंडारे अवश्य आयोजित किए जाते हैं। जहां पूरे नगर के लोग भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण कर धन्य होते है। मंदिर समिति के खजांची मुन्नू साहू बताते हैं यहां सच्चे मन से आने वाले हर भक्त की मनोकामना अवश्य पूरी होती है। रिपोर्ट- रत्नेश मिश्र