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17 साल पहले ‘ड्रैगन’ के खिलाफ खड़े हुए थे QUAD देश, हिंद महासागर को बचाने के लिए बना था ग्रुप

अमेरिका में भारत, आस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्षों के बीच ऐतिहासिक मुलाकात और बातचीत हुई। ये बातचीत ‘क्वाड’ समिट के तहत हुई।  क्वाड(QUAD) यानी क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलाग(Quadrilateral Security Dialogue)। 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया साथ आए थे।  हालांकि आस्ट्रेलिया ने समर्थन नहीं किया और यह गठजोड़ नहीं बन पाया। 2017 में आसियान सम्मेलन से ठीक पहले आस्ट्रेलिया के विचार बदले और क्वाड अस्तित्व में आया।

हिंदू-प्रशांत क्षेत्र से अमेरिका के आर्थिक हित जुड़े हैं। यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में 1.9 लाख करोड़ डालर (करीब 140 लाख करोड़ रुपये) का अमेरिकी कारोबार दो महासागरों और कई महाद्वीपों को छूने वाले इस क्षेत्र से होकर गुजरा था। दुनिया का 42 फीसद निर्यात और 38 फीसद आयात यहीं से होकर जाता है। इस क्षेत्र की यथास्थिति को बदलने की चीन की कोशिश अमेरिका के लिए चिंता की बात है। दूसरी ओर, जिस तरह से चीन लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रहा है, उसने अन्य क्वाड देशों की चिंता भी बढ़ाई है।

क्वाड के सभी सदस्य देशों के साथ चीन के संबंध तनावपूर्ण हैं। अमेरिका के साथ चीन की तनातनी जगजाहिर है। वहीं कोरोना महामारी के स्रोत की जांच की मांग के बाद से आस्ट्रेलिया भी चीन के आर्थिक प्रतिबंध ङोल रहा है। भारत और जापान का चीन के साथ सीमाई विवाद है।

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