प्रदेश सरकार की बस अड्डों को विकसित करने की योजना खटाई में पड़ती दिख रही है। अमौसी, चारबाग सहित प्रदेश के 18 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर डेवलप करने के लिए निवेशक नहीं मिल रहे हैं। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रोडशो का प्लान बनाया पर प्रमुख सचिव परिवहन निगम ने प्लान खारिज कर उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
दरअसल, प्रदेश में 23 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की योजना बनाई गई। इसमें से पांच बस अड्डों का एलॉटमेंट हो गया है, जिसमें विभूतिखण्ड बस अड्डे सहित कौशाम्बी बस टर्मिनल गाजियाबाद, सिविल लाइन्स बस टर्मिनल प्रयागराज, गाजियाबाद ओल्ड बस टर्मिनल और आगरा फोर्ट बस टर्मिनल शामिल हैं। इन पर 701 करोड़ रुपये खर्च आएगा। लेकिन अभी भी 18 पीपीपी मॉडल बस स्टेशनों के लिए परिवहन निगम को निवेशक नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में परिवहन निगम के अधिकारियों ने पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन निर्माण के लिए निवेशकों को लुभाने का प्लान बनाया। प्रस्ताव तैयार किया गया कि देश के विभिन्न राज्यों में रोड शो कर निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा। पर, प्रमुख सचिव परिवहन ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। अब अफसरों को नए सिरे से निवेशक खोजने पड़ेंगे। अधिकारियों ने बताया कि प्लान के मुताबिक गुजरात, महाराष्ट्र कर्नाटक तमिलनाडु व अन्य राज्यों में रोड शो व बैठकों को कर निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा।
पैसेंजरों को मिलेंगी ये सुविधाएं
अफसरो ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर बस अड्डों के विकसित होने पर यात्रियों के लिए एसी लाउंज, मॉल, रेस्टोरेंट जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यात्रियों के ठहरने के लिए सस्ते, किफायती रूम रहेंगे। साथ ही बस अड्डे से एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों तक आने-जाने की रैपिड व्यवस्था रहेगी।
इन बस अड्डों को नहीं मिल रहे निवेशक
रोडवेज अफसरों ने बताया कि साहिबाबाद(गाजियाबाद), बुलंदशहर, ट्रांसपोर्टनगर व ईदगाह(आगरा), पुराना बस अड्डा मथुरा, वाराणसी कैंट, झकरकटी(कानपुर), जीरो रोड(प्रयागराज), मीरजापुर, अमौसी व चारबाग(लखनऊ), रायबरेली, सिविल लाइंस बरेली, मेरठ, गढ़मुक्तेश्वर, रसूलाबाद (अलीगढ़), अयोध्या और गोरखपुर में बस अड्डों को निवेशक नहीं मिल रहे हैं।
अफसर बोले, रोड शो का प्लान खारिज
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक व पीआरओ अजीत सिंह का कहना है कि विभिन्न राज्यों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जो रोड शो का प्लान तैयार किया गया था, फिलहाल उसे स्थगित कर दिया गया है। वहीं प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि प्रमुख सचिव (परिवहन) की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए दूसरी योजनाएं बनाई जा रही हैं।