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19 वर्षीय बॉडीबिल्डर की हार्ट अटैक से मौत, आप भी जाते हैं जिम तो भूलकर भी न करें ये गलतियां

हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामले वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। विशेषकर कोरोना महामारी के बाद से इसका खतरा और अधिक हो गया है। कुछ दशकों पहले तक हृदय की समस्याओं को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी के तौर पर जाना जाता था हालांकि अब कम आयु के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। ऑफिस में काम करते-करते, बात करते-करते, उत्सवों के दौरान हार्ट अटैक और इसके कारण होने वाली मौत के बारे में आपने भी जरूर सुना होगा।

हालिया मामला भी ऐसा ही है जहां 19 वर्षीय मशहूर ब्राजीलियाई बॉडीबिल्डर मैथ्यूस पावलक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वह बचपन में मोटापा के शिकार थे हालांकि उन्होंने जिम में खूब मेहनत से मोटापा को हराकर बेहतरीन शरीर बनाया था। पिछले पांच वर्षों में पावलक ने असाधारण रूप से शारीरिक परिवर्तन किया और प्रमुख बॉडीबिल्डर और आइकन बन गए।

इस घटना ने फिट लोगों में हार्ट अटैक और जिम जाने वालों में स्टेरॉयड के दुष्प्रभावों भूमिका के बारे में अटकलों को हवा दे दी है।

क्या स्टेरॉयड के कारण हुआ हार्ट अटैक?

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पावलक की मौत संभवत: एनाबॉलिक स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से जुड़ी हो सकती है, क्योंकि इतनी कम उम्र में ही उनका शरीर इतना मजबूत हो गया था। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इससे सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर सार्वजनिक बहस भी छिड़ गई है कि क्या शारीरिक प्रदर्शन और शक्ति बढ़ाने वाली दवाओं की वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ सकता है?

एनाबॉलिक स्टेरॉयड और इसके नुकसान

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, एनाबॉलिक स्टेरॉयड या एनाबॉलिक-एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड (एएएस) का इस्तेमाल अक्सर एथलेटिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया जाता है। हालांकि, इन दवाओं के कई संभावित हानिकारक प्रभाव हैं। इन दवाओं का हृदय प्रणाली पर नकारात्मक असर देखा जाता है। एनाबॉलिक स्टेरॉयड का दुरुपयोग करने से दिल का दौरा भी पड़ सकता है।

एएएस टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का कृत्रिम रूप होते हैं। ये मांसपेशियों की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं लेकिन शरीर के प्राकृतिक हार्मोन संतुलन को बाधित भी कर देते हैं, जिसके कई सारे नुकसान हो सकते हैं।

हृदय पर असर

एएएस के कारण हृदय प्रणाली पर होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर लंबे समय से चर्चा होती रही है। ये रक्त में लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देते हैं और गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम कर सकते हैं। गुड कोलेस्ट्रॉल की कमी एथेरोस्क्लेरोसिस नामक समस्या का कारण बनती है जिसमें धमनियों के अंदर प्लाक का निर्माण होने लगता है। इसके कारण रक्तचाप बढ़ाने की दिक्कत होने लगती है और रक्त प्रवाह भी बाधित हो सकता है। इस तरह की स्थितियां हार्ट अटैक का कारण बन सकती हैं।

बहुत अधिक व्यायाम भी हानिकारक

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिम जाने वाले लोगों को दो बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। पहला-एनाबॉलिक स्टेरॉयड जैसी चीजों की आदत न बनाएं साथ ही शरीर की क्षमता से अधिक व्यायाम भी न करें। अत्यधिक व्यायाम करने से हृदय गति बढ़ सकती है, हृदय पर बहुत अधिक दबाव पड़ सकता है जिससे धमनियों के क्षतिग्रस्त होने का जोखिम रहता है। बहुत अधिक व्यायाम हृदय की विद्युत गतिविधि को भी बाधित कर सकती है। इस तरह की स्थितियों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

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