महाकाल की काली। ‘काली’ का अर्थ है समय और काल। काल, जो सभी को अपने में निगल जाता है। भयानक अंधकार और श्मशान की देवी। मां कालिका की उत्पत्ति धर्म की रक्षा और पापियों-राक्षसों का विनाश करने के लिए हुई है। काली को माता जगदम्बा की महामाया कहा गया है। उन्हें दश महाविद्याओं में से पहली माना जाता है। उनके कई मंत्र है जैसे वैदिक, तांत्रिक, पौराणिक और साबर। यहां प्रस्तुत है माता कालिका के साबर मंत्रों में से एक सामान्य मंत्र।
कालिका का यह अचूक मंत्र है। इससे माता जल्द से सुन लेती हैं, लेकिन आपको इसके लिए सावधान रहने की जरूरत है। आजमाने के लिए मंत्र का इस्तेमाल न करें। यदि आप काली के भक्त हैं तो ही करें। यहां मंत्र को दिया जा रहा है मंत्र के नियम और साधना करने की विधि को नहीं। मंत्र जप के नियम को जानकर ही यह मंत्र जपें।
पहला साबर मंत्र :
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,
अब बोलो काली की दुहाई।
मंत्र जप के फायदे : इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ मिलता है। इससे धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती है। माता काली की कृपा से सब काम संभव हो जाते हैं। 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें।
दूसरा साबर मंत्र
।।ऊँ कालिका खडग खप्पर लिए ठाड़ी
ज्योति तेरी है निराली
पीती भर भर रक्त की प्याली
कर भक्तों की रखवाली
ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।।
मंत्र जप के फायदे : उपरोक्त मंत्र से शत्रु भय और भूत-प्रेत भय निवारण होता है। यह मंत्र हर तरह के तांत्रिक प्रभाव आदि को दूर करता है। रोक और शोक मिटाकर यह मंत्र शारीरिक और मानसिक संताप भी दूर करता है।