उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के 30 मदरसे विशेष जांच दल (एसआईटी) के जांच के दायरे में आएंगे। इन मदरसों को विदेशी फंडिंग की संभावना जताई जा चुकी है। बीते साल हुई जांच में ये बात भी सामने आई थी।इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी।
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यह मदरसे मऊ आइमा, फूलपुर, करेली, बमरौली, खुल्दाबाद, नैनी, भारतगंज, हंडिया, लालगोपालगंज, सोरांव क्षेत्र में हैं। प्रयागराज में 269 मदरसों में 78 मदरसे ऐसे हैं, जिनको मान्यता नहीं मिली है और वो संचालित हो रहे हैं।इन मदरसों में लगभग 22 हजार छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
बीते साल मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की टीम ने जांच और सत्यापन किया था। जांच में बिना मान्यता के संचालित मदरसे मिले थे।सत्यापन रिपोर्ट से ही पता चला था कि मदरसों को जबरदस्त फंडिंग हो रही है। देश के साथ विदेश से भी कई मदरसों को फंड मिले हैं।
साल 2022-23 और 2023-24 में लगभग नौ करोड़ रुपये की फंडिंग हुई है। अब एसआईटी गठित होने पर इन मदरसों को कहां से और किसने फंड दिया तथा फंड कहां खर्च हुआ। इसकी जांच होगी।जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्णमुरारी का कहना है कि शासन के निर्देश पर जांच में एसआईटी की मदद की जाएगी।
प्रयागराज में फर्जी दस्तावेजों के सहारे दो मदरसों के संचालन का मामला सामने आया था। आरोप है कि दोनों मदरसे अनुदान के नाम पर गड़बड़झाला कर रहे थे। इन मदरसों की मान्यता रद की जा चुकी है। दोनों मदरसों को कई संस्थाओं से लाखों की फंडिंग हुई थी।
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बता दें कि साल 2007 में 17 जनवरी की रात सामूहिक दुष्कर्म के मामले में करेली का मदरसा बदनाम हुआ था। इस दुस्साहसिक वारदात में कुख्यात माफिया अतीक अहमद के भाई माफिया अशरफ पर भी आरोप लगा था। उस समय अतीक सांसद और अशरफ विधायक था।
मदरसे का संचालक संकटमोचन मंदिर ब्लास्ट वाराणसी में फांसी की सजा पाए आतंकी वलीउल्लाह का भाई था।दहियावां बाजार के एक मदरसा में इसी साल स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मेज पर तिरंगा बिछाकर नाश्ता परोसा गया था।तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था।