कोरोना वायरस ने दूनिया भर में तबाही मचाकर रखी हुई है। वहीं इस महामारी से देश में भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। रोजाना लाखों मामले सामने आने के बीच कई ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जो स्वास्थ्य महकमे की चिंताएं और बढ़ा रही हैं। कई राज्यों से कोरोना की दवा रेमडेसिविर के खत्म होने और कालाबाजारी की खबरें सामने आईं, जिसके बाद सरकार ने सख्ती दिखाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का ऐलान किया।
हाल ही में महाराष्ट्र के बारामती से पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन चारों लोगों पर फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने का आरोप है। ये लोग रेमडेसिविर की खाली शीशी में पैरासिटामोल की दवाई भरकर कोरोना मरीजों को बेच रहे थे।
बताया जा रहा है कि ये गिरोह नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को 35,000 रुपए में बेच रहा था। पुणे ग्रामीण के डिप्टी एसपी नारायण शिवगावकर ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से तीन इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। इन इंजेक्शन पर रेमडेसिविर लिखा था लेकिन इनके अंदर लिक्विड फॉर्म में पैरासिटामोल ही थी।
दरअसल, इस गिरोह का पर्दाफाश ऐसे हुआ, बारामती में एक मरीज के रिश्तेदार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की तत्काल जरूरत थी, उसे पता चला कि एक निजी अस्पताल में ये दवा मिल रही है। शख्स ने गैंग के एक सदस्य से संपर्क किया, आरोपी ने बताया कि वह एक कोविड केंद्र में काम करता है। जब मरीज के रिश्तेदार ने इंजेक्शन की कीमत पूछी तो उसने एक इंजेक्शन की कीमत 35 हजार रुपए बताई।
इसके अलावा पुणे से कोरोना रिपोर्ट के घपलेबाजी की भी खबरें सामने आई हैं। महाराष्ट्र के पुणे में दो लोगों को फर्जी आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट जारी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और रिपोर्ट में देरी आने की वजह से आरोपी ने कई लोगों की फर्जी रिपोर्ट जारी की हैं। पुलिस ने जानकारी दी कि इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।