कैंब्रिज Cambridge विश्वविद्यालय ने घोषित किया कि गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलरशिप 2019 में के लिए दुनिया भर से 90 प्रतिभाशाली छात्रों का चयन किया गया है। इसमें सात भारतीय छात्र भी शामिल हैं, जो अकादमिक रूप से उत्कृष्ट और सामाजिक रूप से प्रतिबद्ध स्नातकोत्तर हैं।
Cambridge स्कॉलरशिप 2019 के लिए
कैम्ब्रिज Cambridge स्कॉलरशिप 2019 के लिए चुने गए सात भारतीय छात्रों और उनके अध्ययन क्षेत्र इस तरह हैं। अर्जुन अशोक (भौतिक विज्ञान में पीएचडी), कनुप्रिया शर्मा (अपराध शास्त्र में पीएचडी), रीतिका सुब्रमण्यन (मल्टी-डिस्प्लिनेरी जेंडर स्टडीज में पीएचडी), अविका विइरा (अंग्रेजी में पीएचडी), नितिका मुम्मिदिवपरु (इतिहास और दर्शन शास्त्र में एमफिल), निशांत गोखले (कानून में पीएचडी) और ध्रुव नंदमुडी (जैविक विज्ञान में पीएचडी) के लिए चुने गए हैं।
साल 2019 की कक्षा में 37 विभिन्न देशों के 90 विद्वान छात्र शामिल हैं। इनमें से दो-तिहाई लोग विश्वविद्यालय में पीएचडी करेंगे, जिसमें साइबर सुरक्षा, मानव तस्करी और कैरिबियन की विरासत और पहचान, इसोफैगल कैंसर का जल्द पता लगाने और टीबी प्रतिरोध के आनुवांशिकी जैसे विषय शामिल होंगे।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के कुलपति और गेट्स कैम्ब्रिज ट्रस्टीज के अध्यक्ष स्टीफन टूप ने कहा- “गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलर्स लोगों का एक असाधारण समूह है। इन लोगों ने अपने क्षेत्र में न केवल उत्कृष्ट शैक्षणिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, बल्कि उन्होंने दुनिया के साथ जुड़ने के लिए और बेहतरी के लिए इसे बदलने के लिए एक वास्तविक प्रतिबद्धता भी दिखाई है।
वे वास्तव में हमारे विश्वविद्यालय के मूल्यों, उत्कृष्टता, एक वैश्विक दृष्टिकोण और समाज में योगदान करने की आकांक्षा को मूर्त रूप देते हैं। कॉम्पिटिटिव इंटरनेशनल पोस्ट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप प्रोग्राम को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने साल 2000 में शुरू किया था।इसके लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय को 21 करोड़ डॉलर का दान फाउंडेशन की तरफ से दिया गया था। यह ब्रिटेन के विश्वविद्यालय में इतिहास का सबसे बड़ा एक बार में दिया गया दान है। विश्वविद्यालय ने कहा कि साल 2001 में पहली बार कई भारतीयों सहित 1,600 से अधिक विद्वानों का चयन किया गया था।