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कैरियर काउंसलिंग का बढ़ता दायरा

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

लॉक डाउन ने प्रत्यक्ष संवाद पर विराम लगाया है। लेकिन डिजिटल माध्यम से विचार सम्प्रेक्षण का कार्य चल रहा है। उच्च शिक्षा के विद्यार्थी रोजगार के लिए भी प्रयास करते है। लॉक डाउन के कारण इसमें व्यवधान आया है। ऐसे में लखनऊ विश्वविद्यालय ने उनके लिए ऑनलाइन करियर काउंसलिंग की व्यवस्था की है। इसके मद्देनजर विश्वविद्यालय की काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट सेल वेब लाइनर वर्कशॉप चला रही है। कैरियर के प्रति चिंतित छात्रों की समस्या प्रबंधन हेतु कैरियर परामर्श दिया जा रहा है।

इसमें बड़ी संख्या में विभिन्न कॉलेजों के अन्य छात्र और शिक्षक सहभागी हो रहे है। तीसरे दिन ज्योत्सना वाडिया, व्यक्तिगत विकास और सॉफ्ट स्किल्स पर कॉरपोरेट एक्सपर्ट ने सॉफ्ट स्किल्स और करियर पर स्टूडेंट्स को सलाह दी कि लॉकडाउन के दौरान स्टूडेंट्स को समझाएं कि उनके कम्यूनिकेशन स्किल्स पर काम करने का यह अच्छा समय है। जरूरत के मुताबिक उनकी पर्सनैलिटी के गुणों को बढ़ाएं।

उनसे भर्ती करने वाली कोंपनियों को उनसे क्या उम्मीद इस पर अभी से अपना व्यक्तित्व विकास करने की ज़रूरत है। प्रारंभ में प्रो एम प्रधान ने पहले ही समझाया था कि छात्रों को धैर्य कैसे रखना चाहिए और अपने भविष्य के करियर के लिए चिंता नहीं करनी चाहिए, जब डॉ आभा जोशी ने छात्रों को यह बताया कि वे अपने सीवी लेखन के साथ साथ विकासशील व्यक्तित्व लक्षणों के साथ पहले सीखने के लिए कैसे काम करें। बहस में पड़ने से बचने का गुण को बखूबी समझाया। आने वाले सत्रों में और भी राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ शामिल होंगे।

सीपीसी की निदेशक डॉ. मधुरिमा लाल ने कहा कि हमने एलयू के छात्रों के लिए वेबलाइनर की योजना बनाई थी, लेकिन कॉलेजों के साथ-साथ काउंसलिंग सत्रों में भाग लेने के लिए अनेक संस्थानों से भी अनुरोध आ रहा है। क्योंकि यह सेल इस लॉकडाउन में छात्रों की चिंताओ को बखूबी हल कर रहा है। प्रत्येक सत्र के बाद सेल के विशेषज्ञों के साथ सामूहिक एवं व्यक्तिगत समस्याओं का भी समाधान किया जा रहा है जो प्रश्न उत्तर सत्र में टीम के साथ निपटाया जाता है।

जिसमें प्रो. एम प्रधान ,डॉक्टर वैशाली, डॉ. एसके जायसवाल, डॉ. सुनीता श्रीवास्तव, डॉ. श्रुति, डॉ.अनूप कुमार सिंह आदि शामिल हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय की इस पहल से न केवल यूनिवर्सिटी छात्रों को देखने के लिए बल्कि कॉलेजों के शिक्षक और प्रधानाचार्य और समाज के अन्य वर्ग भी परामर्श सत्र में शामिल हो रहे हैं औरउससे लाभान्वित हो रहे हैं। यह जानकारी विश्व विद्यालय के जनसम्पर्क निदेशक प्रो दुर्गेश श्रीवास्तव ने दी।

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