इस कोरोना महामारी काल में पुलिस कर्मियों ने जिस तरह का सेवाभाव दिखाया है वह निश्चित ही सराहनीय और उनके बदले स्वरूप में नई पुलिस की कार्य प्रणाली का परिचायक है। चाहे वो घर वापसी कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन-पानी व साधन की व्यवस्था करने के रूप में हो, या लॉक डाउन के चलते घरों में कैद बुजुर्ग को दवा पहुंचाना हो। हर मामले में देशभर की पुलिस ने उनके आचरण को लेकर बनी अवधारणा को पूरी तरह से मिथक साबित कर दिया है।
वैसे तो यूपी पुलिस की दरियादिली के बहुतेरे किस्से हैं। लेकिन अपराधियों के लिए खौफ का पर्याय बनी खाक़ी का एक अलग चेहरा औरैया जनपद के बिधूना में देखने को मिला। हुआ यूं कि बिधूना क्षेत्राधिकारी मुकेश प्रताप सिंह मय दलबल नगर में सुरक्षार्थ भ्रमण कर रहे थे कि तभी उनकी निगाह मुख्य बाजार में बिना मास्क के जा रही दो मासूम बच्चियों पर पड़ी।
उन्होंने तुरंत उन बच्चियों के पास जाकर सबसे पहले उनसे प्यार से बाजार में घूमने का कारण पूछा और दोनों को मास्क देकर कोरोना महामारी और उससे बचाव के बारे में बताया। मासूम की हाजिर जवाबी ने वहां मौजूद सभी का मन मोह लिया। इतना ही नहीं जब क्षेत्राधिकारी मुकेश प्रताप सिंह ने बच्ची से मास्क लगाने के तरीके के बारे में पूछा तो दोनों बच्चियों ने सभी को अचंभित करते हुए मास्क लगाने का सही तरीका बताकर सबकी तालियां बटोर ली।
इसके बाद मुकेश प्रताप सिंह ने पुनः आकर उन्हें चॉकलेट देने का वादा करते हुए दोनों से घर जाने के लिए कहा। साथ ही उनसे बिना बड़ों को साथ लिए घर से नहीं निकलने का वादा भी लिया। इस दौरान उनके साथ प्रभारी निरीक्षक रामसहाय, दारोगा सुरजीत, दारोगा अख्तर अली, दारोगा दिनेश शर्मा समेत अन्य पुलिस कर्मियों भी मौजूद रहे। अक्सर कड़क और नियमों के लिए सख्त माने जाने वाले अपने अधिकारी के इस पहलू को देखकर सभी अधीनस्थ पुलिसकर्मी खासे उत्साहित दिखे।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर