बिहार में सरकार की तरफ से क्वारंटाइन सेंटर से घर लौट रहे मजदूरों को कंडोम के दो-दो पैकेट बांटे जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि इससे जनसंख्या नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. वहीं जिन क्वारंटाइन सेंटर पर कंडोम का पैकेट नहीं मिल पा रहा है उन्हें आशा वर्कस घर-घर जाकर परिवार नियोजन किट दे रही हैं.
अधिकारियों के मुताबिक करीब 29 लाख मजदूर लौटे हैं. इनमें से अधिकांश मजदूरों को अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. अभी तक 8 लाख 77 हजार मजदूरों ने क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर ली है. ऐसे में उन्हें घर जाने दिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक अभी साढ़े पांच लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर राज्य भर में ब्लॉक और जिलास्तर के क्वारंटाइन सेंटर में है.
अधिकारियों के मुताबिक जो प्रवासी मजदूर गांव जा रहे हैं उन्हें भी अभी बाहर निकलने की छूट नहीं होगी. ऐसे में इन परिवारों में जनसंख्या वृद्धि की संभावना ज्यादा है. इसलिए क्वारंटाइन सेंटर से घर जाने से पहले उनकी काउंसलिंग की जा रही है. इसके अलावा गर्भधारण रोकने के साधन भी उन्हें दिए जा रहे हैं. इसमें कंडोम, माला डी आदि हैं.
बिहार परिवार नियोजन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसका कोरोना वायरस से कुछ लेना-देना नहीं है. हम समय-समय पर परिवार नियोजन के अभियान चलाते रहते हैं. ऐसे में प्रवासी मजदूरों को शिक्षित करना भी हमारे उसी अभियान का हिस्सा है. हमारी कोशिश रहेगी कि राज्य में जनसंख्या नियंत्रित रहे. इसीलिए कंडोम बांटे जा रहे हैं.
अधिकारियों के मुताबिक जबतक क्वारंटाइन सेंटर चलेंगे तब तक यहां के निकलने वाले मजदूरों को कंडोम दिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि अगर कोई मजदूर यहां से छूट जाता है तो डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग के दौरान आशा कार्यकत्री उन्हें घर पर कंडोम के दो पैकेट दे रही हैं.