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नरपिशाचों को सजा-ए-मौत: CBI कोर्ट

नई दिल्ली। सीबीआई कोर्ट ने 9वें केस में पंढेर और कोली को सजा-ए-मौत सुनाई। इस केस को कोर्ट ने रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर केस माना और अपना फैसला सुनाया। दोनों अपहरण, रेप और हत्या के दोषी पाए गए थे। मोनिंदर सिंह पंढेर पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया। सुरेंद्र कोली पर 35 हजार का जुर्माना भी लगाया है। गौतलब है कि 28 दिसम्बर 2006 को नोएडा पुलिस ने बहुचर्चित निठारी कांड का खुलासा किया था। यह फैसला निठारी कांड के कई सारे मामलों में से एक में आया है। जिससे निठारी हत्याकांड मामले में सोमवार को सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था। कोर्ट ने भी यह माना है कि सुरेंद्र और मोनिंदर ने ही पिंकी के साथ रेप और हत्या की थी। मामला यह है कि इस कांड में दो दर्जन महिलाओं, बच्चों और लड़कियों का अपहरण कर हत्या करने के बाद शवों के साथ बलात्कार कर शवों के टुकडे-टुकड़े कर सेक्टर 31 स्थित मोहिंदर सिंह पंढेर की डी-5 कोठी के पीछे व सामने से बह रहे नाले में फेंक दिया गया था। पुलिस ने इस काण्ड के आरोप में मोहिन्दर सिंह पंढेर एवं सुरेन्द्र कोली को गिरफ्तार किया था। जिनके खिलाफ हत्या, अपहरण, बलात्कार, षड्यंत्र एवं सबूत मिटाने का दोषी माना गया। दोषी पाए जाने के बाद सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा भी सुनाई गई थी। दो साल पहले भी सुरेंद्र कोली को डासना जेल से मेरठ जेल लाया गया था। उस समय कोली को फांसी की तैयारी भी पूरी हो गई थी। लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट की विशेष अदालत ने छठे मामले में भी फांसी की सजा सुनाई है। सजा के बाद ये अटकलें तेज हो रही हैं कि उसे मेरठ के जिला कारागार में सूली पर लटकाया जा सकता है।

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