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स्वास्थ्य सेवाओं पर दोहरी चुनौती

इस समय स्वास्थ्य सेवाओं पर दोहरी चुनौती है। कोरोंना संकट पहले से है। वर्षां में संचारी रोग का भी प्रकोप बढ़ जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर जाकर पूर्वांचल के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया। जनप्रतिनिधि के रूप में योगी आदित्यनाथ तत्कालीन केंद्र साकार प्रदेश साकार और लोकसभा में यह समस्या उठाते थे। सांसद की क्षमता में जितना संभव था वह यहां के लोगों की समस्या दूर करने का प्रयास भी करते थे। लेकिन पिछली सरकारों ने इसकी रोकथाम के कारगर प्रयास नहीं किये। योगी आदित्यनाथ पिछले तीन वर्षों से इस दिशा में व्यापक कार्य कर रहे है। इसमें टीकाकरण,स्वच्छता,शुद्ध पेयजल चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार,बचाव हेतु जागरूकता अभियान आदि शामिल है। इसके सकारात्मक परिणाम भी हुए है। दो हजार सोलह सत्रह में संचारी रोगों से छह सौ लोगों की मौत हुई थी। गत वर्ष यह संख्या सवा सौ थी। योगी इस बीमारी को पूरी तरह समाप्त करने के प्रति कटिबद्ध है। कोरोना से बचाव व इलाज के साथ साथ उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिया है।

उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में बीमारी की संभावना अधिक होती है। संचारी रोग लापरवाही के चलते किसी को भी हो सकते हैं। इसे सावधानी से रोका जा सकता है। योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर इंसेफेलाइटिस को रोकने का बड़े स्तर पर काम किया। गुरु पूर्णिमा मुख्यमंत्री गोरखपुर गए थे। यह उन्होंने गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल में संचारी रोगों के नियंत्रण के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों मण्डलों में जेई एईएस का प्रकोप अधिक होता है, इसलिए यह समीक्षा बैठक आहूत की गयी है। उन्होंने कहा कि कोविड पर नियन्त्रण के लिए कोविड हेल्प डेस्क बहुत उपयोगी है, इसलिए सभी क्षेत्रों में इसकी स्थापना सुनिश्चित करते हुए लोगों को जागरूक भी किया जाए। जिस प्रकार प्रदेश स्तर पर टीम इलेवन का गठन कर कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है उसी प्रकार जनपद स्तर पर भी टीम इलेवन गठित की गयी है। जिलाधिकारी नियमित रूप से जनपद स्तरीय टीम इलेवन के कार्यों की निगरानी करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ पेयजल के लिए पाइप पेयजल की स्कीमों को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। साथ ही,आम जन को पानी उबालकर पीने तथा अपने आस पास सफाई रखने के लिए निरन्तर जागरूक किया जाए। जहां पर बीमारी मामले आ रहे है,उन गांवों का निरीक्षण किया जाए। सफाई पेयजल आदि की व्यवस्था में किसी भी कमी को तत्परता से ठीक कराया जाए। इसके लिए सम्बन्धित की जिम्मेदारी भी तय की जाए। एम्बुलेंस सेवाओं को निरन्तर कार्यशील रखा जाए। इस सम्बन्ध में शिथिलता बरतने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होगी। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार आईएमए,नर्सिंग होम एसोसिएशन आदि संस्थाओं के साथ संवाद बनाया जाए। रैपिड एण्टीजेन टेस्ट को बड़े पैमाने पर अपनाया जाए। चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण जारी रखा जाए।

स्वच्छता का वृहद अभियान चलाने के साथ ही,गांव गांव में निगरानी समितियां, स्वच्छाग्रहियों आदि को सक्रिय किया जाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय का निर्माण एक माह में पूर्ण कर लिया जाए। कहा कि संचारी रोगों,एईएस कोविड आदि पर नियन्त्रण के लिए सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें तथा इनसे बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें। विभागीय समन्वय, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता तथा प्रभावी सर्विलान्स से संचारी रोगों के संक्रमण से मरीजों की जीवन रक्षा की जा सकती है। इस दिशा में गंभीरता पूर्वक कार्य करने से ही सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोविड।संक्रमण सहित संचारी रोगों से बचाव व उपचार के लिए माइक्रो प्लान बनाकर कार्य किया जाए। जिलाधिकारी नियमित रूप से इसकी माॅनीटरिंग करें।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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