पिछली विजय दशमी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस में थे। वहां उन्होंने भारत को मिलने वाले राफेल विमान का अपनी परंपरा के अनुरुप पूजन किया था। यह दुनिया के लिए सन्देश भी था। भारत शांति चाहता है,लेकिन जरूरत पड़ने पर जबाब देना भी जनता है। तब भारत के विपक्ष ने इस पूजन का उपहास उड़ाया था। इस बार राजनाथ सिंह ने सिमा पर पहुंच कर राइफल से निशाना साधा। यह भी भारतीय चिंतन के अनुरूप था।
भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी के बयान भले ही निराशाजनक रहे हों,लेकिन चीन मसले पर वर्तमान सरकार ने सुदृढ़ नीति की परिचय दिया है। इसका अनुभव चीन को भी हुआ है। पहले डोकलाम और अब गलवान में भारत के सैनिकों ने चीन को सटीक जबाब दिया। गलवान में भारत के जवाजों ने अपना बलिदान देकर सीमाओं की रक्षा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक स्वर में भारत के द्रष्टिकोण से चीन को अवगत करा दिया है। नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह ने भारतीय विचारों को मजबूती के साथ दुनिया से सामने रखा है। राजनाथ सिंह ने सिमा पर पहुंच कर कहा कि भारत भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है। यह एकमात्र देश है जो विश्वशांति की कामना करता है,उसी के अनुरूप आचरण भी रहता है। हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है। ना तो किसी देश की जमीन पर हमने कब्जा किया है।
हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं। भारत का चरित्र रहा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट नहीं पहुंचनी चाहिए। ऐसे में भारत के स्वाभिमान पर यदि चोट पहुंचाने की कोशिश की गई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उसका मुंहतोड़ जबाब देने में भारत सक्षम है। राजनाथ सिंह ने लद्दाख पहुंचे और सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया। लुकुंग चौकी पर भारतीय सेना के जवानों एवं अधिकारियों संवाद किया। कहा कि भारत की एक इंच ज़मीन भी दुनिया की कोई ताक़त छू नहीं सकती,उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता। जाहिर है कि सिमा क्षेत्र से भारत के रक्षा मंत्री ने चीन को माकूल सन्देश दिया है। भारत चाहता है कि शांतिपूर्ण वार्ता से समस्या का समाधान किया जाए। इसमें भारत सहयोग भी करेगा। लेकिन हिंसक गतिविधि का जबाब भी दिया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने लेह के स्ताकना में भारतीय सेना के शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। जवानों ने पैरा ड्रॉपिंग और अन्य करतबों से शक्ति का प्रदर्शन किया। राजनाथ सिंह भी अपने को रोक नहीं सके। उन्होंने भी एक राइफल से निशाना लगाकर देखा। पीका मशीन गन की जांच की और अधिकारियों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त की। तीन जुलाई को इसी क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ ही दुनिया को सन्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि विस्तारवाद का युग खत्म हो चुका है। अब विकासवाद का समय आ गया है। बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं, या मुड़ने के लिए मजबूर हुई हैं।