भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 19 सितंबर से IPL का 13वां संस्करण करवाने का फैसला तो कर लिया लेकिन फ्रैंचाइजी के मन में इसे लेकर कुछ दुविधाएं थीं.
बोर्ड अब आठों फ्रैंचाइजी के साथ स्टैंडिज ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) साझा करेगा. हालांकि बात अभी फाइनल नहीं हुई है और उससे पहले सभी हितधारकों को आने वाले दिनों में कुछ सवालों के हल तलाशने होंगे.
माना जा रहा है कि सभी फ्रैंचाइजी अपनी रेकी टीम को हालात का जायजा लेने के लिए यूएई भेजेंगी. ये टीमें वहां जाकर सुविधाओं के साथ-साथ बायो-सिक्योर वातावरण को भी परखेंगी. ये चिंताएं अभी कायम हैं. कुछ फ्रैंचाइजी के सवालों का जवाब भी बीसीसीआई को देना होगा.
परिवार को लेकर सवाल
इस एक मुश्किल सवाल है. इसका जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि बीसीसीआई किस तरह की SOPs जारी करेगी. एक वरिष्ठ फ्रैंचाइजी ने बताया कि खिलाड़ियों को उनके पार्टनर्स और परिवार से दो महीने के लिए दूर रखना ‘अपराध’ होगा. और वह भी ऐसे वातावरण में जहां पूरे टूर्नामेंट के दौरान सोशल कॉन्ट्रेक्ट बहुत कम होगा.
उन्होंने पूछा, ‘आम वक्त में खिलाड़ियों की पार्टनर (पत्नी या गर्लफ्रेंड) एक निश्चित समय के लिए खिलाड़ियों को जॉइन कर सकती हैं लेकिन अब हालात बिलकुल अलग हैं. अगर परिवार यात्रा करता है तो क्या वे सामान्य हालात की तरह घूमेंगी या फिर इसे सीमित किया जाएगा?’
उन्होंने पूछा, ‘ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिनके 3 से 5 साल की उम्र के बच्चे हैं, क्या आप उन्हें दो महीने के लिए एक कमरे में रखेंगे.’
क्या छोटे होटल रहेंगे बेहतर
टॉप टीमें पांच सितारा होटलों में रहती हैं लेकिन इन हालात में सिर्फ टीमों के ऐसा होटल बुक करना संभव नहीं होगा जहां बाकी कोई मेहमान न आ सके.
एक वरिष्ठ बीसीसीआई अधिकारी को लगता है कि यूएई में तीन सितारा होटलों में भी पांच सितारा होटलों जैसी ही सुविधाएं होती हैं. और वहां ऐसे रिजॉर्ट हैं जिन्हें पूरा किराये पर लेना आसान है. यह अधिकारी 2014 में दुबई में हुए आईपीएल का अहम हिस्सा था.
एक अधिकारी ने कहा कि ‘देखिए, हर फ्रैंचाइजी तो मुंबई इंडियंस की बराबरी नहीं कर सकता. उनके पास तो इन मुश्किल हालात में भी सबसे अच्छा सेटअप है. उनके पास प्राइवेट जेट्स हैं, वे अपने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से अपने डॉक्टर लेकर जा सकते हैं, पांच सितारा होटल किराये पर ले सकते हैं.
बाकियों को देखना होगा कि उनके लिए क्या बेस्ट रेहा. शायद एक बीच रिजॉर्ट ऐसी टीमों के लिए मुफीद रहे.’
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे रिजॉर्ट जहां अलग कॉटेज होते हैं, में सेंट्रल एयर कंडीशनिंग नहीं होती, जिससे एसी डक्ट्स के जरिए इंफेक्शन फैलने की आशंका भी समाप्त हो जाती है.
टीम बस ड्राइवर और स्थानीय सुरक्षा अधिकारी
आम तौर पर किसी भी वैन्यू पर बीसीसीआई (विदेशी दौरों पर मेजबान बोर्ड से लीज पर बस लेती है) और इस मामले में फ्रैंचाइजी अमीरात क्रिकेट बोर्ड से लोकल ट्रांसपोर्ट किराये पर लेगी. इसमें लग्जरी बसें भी शामिल होंगी जो टीम को स्टेडियम तक लेकर आएंगी.
सामान्य दिनों में स्थानीय बस ड्राइवर दिन का काम खत्म होने के बाद घर चले जाते हैं लेकिन इन हालात में बायो-सिक्योर माहौल में रहने की वजह से उन्हें दो महीने तक टीम के साथ ही रहने को कहा जा सकता है.
एक फ्रैंचाइजी अधिकारी ने कहा, ‘अगर हर दिन वे घर जाएंगे, तो बाहर के माहौल से उनका वास्ता पड़ेगा और आपकी कोशिश किसी ने किसी तरह खतरे को कम करने की है.’
ठीक ऐसा ही स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों के लिए भी है जो मैदान पर या बाहर टीम के लिए ड्यूटी पर तैनात होंगे.
कैटरिंग स्टाफ
क्या कैटरिंग स्टाफ के लिए भी अलग से बायो-बबल होगा. वे लोग जो आम तौर पर ब्रेक के दौरान खिलाड़ियों को सर्व करते हैं उनके लिए क्या नियम-कायदे होंगे. क्या उनका भी ड्राइवर और सुरक्षा अधिकारियों की तरह रोजाना कोरोना टेस्ट होगा.
होटल में जरूरी सामान और खाने पीने की चीजों की सप्लाई भी बड़ा सवाल है .