फिरोजाबाद। जिला जेल में बंद कैदियों की कलाई पर इस बार कोरोना की मार पड़ेगी। इस बार कैदियों को बीमारी के संक्रमण से बचाने के लिए रक्षा बंधन के दिन जिला जेल में बहनों की एंट्री बैन रहेगी। जिसकी वजह से कोई भी बहन जेल में बंद अपने भाई की कलाई पर राखी नही बांध सकेगी।
अब तक क्या थे इंतज़ाम
जिला जेल में बंद कैदियों की संख्या एक हजार से भी अधिक है, लिहाजा रक्षा बंधन के दिन इन कैदियों की कलाई पर राखी बांधे जाने की परम्परा को निभाने के क्रम में जिला कारागार प्रशासन भी महती भूमिका निभाता है। सुबह से भी बहनों का आना जाना शुरू हो जाता है और पर्ची भेजकर चरणबद्ध तरीके से कैदियों को जेल के मैदान पर बुलाकर उन्हें राखी बंधवाने का काम किया जाता है। जेल में बना हुआ मीठा भी बहन खरीद कर भाइयों को खिलातीं है इस दौरान काफी संख्या में महिला पुलिसकर्मी तैनात किए जाते है सुबह से लेकर शाम तक यह क्रम चलता रहता है।
इस बार क्या है व्यवस्था
कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए इस बार नयी व्यवस्था की गयी है। इस बार बहनों की जेल में एंट्री बैन कर दी गयी है। व्यवस्था के मुताबिक अब कोई भी बहन अपने भाई की कलाई पर राखी भेजना चाहती है, तो वह एक लिफाफे में राखी के साथ साथ रोली और चावल भी एक अगस्त को बंद लिफाफे के ऊपर अपना नाम लिखकर काउंटर पर जमा करा सकतीं है। लिफाफा रक्षा बंधन वाले दिन उस कैदी को सौंप दिया जायेगा, जिसका नाम लिफाफे पर होगा।
रिपोर्ट-अरविंद शर्मा