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बगैर लाइसेंस चल रहा था मिठाई बनाने का कारोबार, FSDA ने छापेमारी कर यूनिट को बंद कराया

फिरोजाबाद। रक्षा बंधन के त्योहार पर मिलावट खोर कहीं आपका स्वास्थ्य खराब न कर दें, इसके लिए स्वास्थ्य महकमा छापेमारी में जुटा है। मिठाइयों के नमूने लिए जा रहे हैं और उन्हें जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोग शाला भेजा जा रहा है, जिससे मिलाबट के कारोवार पर रोक सके।

सावन के महीने में ज्यादा बिकता है घेवर

सावन के महीने में घेबर की बिक्री ज्यादा होती है। यह त्यौहारी मिठाई काफी लोकप्रिय होती है। इसलिए काफी मात्रा में बिकती है और अधिकांश हलवाई इस मिठाई को एक एक माह पहले ही बना लेते है जिससे समय पर मिठाई की कमी न पड़े एक माह पहले बनी मिठाई के खराव होने की आशंका होती है और जो मलाई घेबर पर लगाई जाती है वह भी सिंथेटिक होती है।

सोनपापड़ी में बेसन की बजाय रंग की हो रही थी

मिलावट खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ने बुधवार को शिकोहाबाद के रुकनपुरा स्थित मिठाई बनाने की यूनिट पर छापेमारी की। इस दौरान विभागीय टीम को जो पता चला उसके मुताबिक जो सोनपापड़ी बेसन से बननी चाहिए थी वह मैदा से बन रही थी और उसका रंग पीला करने के लिए मैदा में पीला रंग मिलाया जा रहा था। इसके अलावा यूनिट के पास मिठाई बनाने का कोई लाइसेंस भी नही था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि यूनिट को बंद करा दिया गया है।

कल भी हुयी थी छापेमारी

मिठाइयों में मिलावट रोकने के मकसद से कल भी FSDA ने फ़िरोज़ाबाद शहर के कई इलाकों में छापेमारी की थी और मिठाई,नमकीन के नमूने लेकर जांच के लिए लैब भेजा गया था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी बी.एस. कुशवाह ने बताया कि जो नमूने संकलित किये जाते है उन्हें जांच के लिए लेब भेजा जाता है जाँच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाती है।

रिपोर्ट-अरविन्द शर्मा

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