औरैया। जिले की फफूंद से गिरफ्तार पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन मैनेजर व सहायक मैनेजर ने पांच अन्य किसानों के नाम से धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेज बनाकर कृषि लोन के नाम पर 10.81 लाख रूपए निकाले गए थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल दिया।
अजीतमल क्षेत्राधिकारी कमलेश नारायण पाण्डेय ने बताया कि फफूंद कस्बा के मोहल्ला चमनगंज निवासी किसान विजय नारायण राठौर पुत्र लाला राम राठौर ने एक साल पहले थाने में तहरीर देकर मिश्रीपुर स्थित पीएनबी के तत्कालीन बैंक मैनेजर और कर्मचारियों के विरुद्ध फर्जी व्यक्ति से मिलकर खतौनी, आधार, कार्ड, क्रेडिट कार्ड, आदि को फर्जी रूप से तैयार कर धोखाधड़ी कर एक लाख उन्नतीस हजार रूपए निकालने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। जबकि वादी ने बैंक से कभी ऋण नही लिया था।
उक्त मुकदमे में मंगलवार को फफूंद थाने के विवेचक उपनिरीक्षक अरविंद तरार ने पीएनबी मिश्रीपुर के तत्कालीन बैंक मैनेजर जय नारायण पुत्र बेचेलाल निवासी नवीन नगर बाबरपुर थाना अजीतमल व तत्कालीन असिस्टेंट मैनेजर अनिल कुमार दुबे पुत्र सम्पत कुमार दुबे निवासी नया गंज थाना कलक्टर गंज कानपुर नगर को बरकीटोला स्थित एक चाय की दुकान से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि वादी के भाई अमर सिंह ने 20 जून 2016 को एक लाख सत्तावन हजार का लोन (किसान क्रेडिट कार्ड) इसी पीएनबी से बनवाया था, उसकी फाइल से आरोपितों ने खतौनी निकाली थी, खतौनी में वादी का नाम भी है खतौनी में वादी सहित सभी भाइयों के नाम चढ़े है। इसी आधार पर फर्जी खाता खोल कर वादी के नाम एक लाख उन्तालीस हजार का फर्जी लोन स्वीकृत कर जमीन को बंधक बना दिया था।
उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच में रीजनल रिकबरी आफिस कानपुर की ओर से लिखित रूप से बताया गया कि किसान द्वारिका पुत्र मंगल निवासी मानिकचंद्र (लोन दो लाख अट्ठाइस हजार), रामसूरत पुत्र जिया लाल निवासी मिल्क हुसैनपुर (लोन दो लाख अट्ठानवे हजार), ज्ञान सिंह पुत्र छोटे लाल निवासी रजौटीपुर (एक लाख बत्तीस हजार), ऊदल सिंह पुत्र राजाराम निवासी राघवपुर (लोन एक लाख इक्कतीस हजार) व गीता देवी पत्नी राम दयाल निवासी गढ़ा मानकचंद्र (लोन दो लाख बानवे हजार) के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उक्त मैंनेजर द्वारा लोन स्वीकृत किये हैं। जबकि इन लोगों द्वारा किसी भी तरह कोई लोन नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर