Breaking News

चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे…कोरोउना ते जादा आफत तौ बूड़ा काटे हय

आज चतुरी चाचा ने अपने मड़हा में प्रपंच के लिए दो तख्त और कुछ कुर्सियां डलवाई थीं। क्योंकि, भोर से ही सावन की रिमझिम हो रही थी। ऐसे में खुले प्रपंच चबूतरे पर पंचायत नहीं हो सकती थी। मैं जब वहां पहुंचा तब चतुरी चाचा, मुंशीजी व कासिम चचा राम मंदिर पर चर्चा कर रहे थे। तीनों इस बात को लेकर काफी खुश थे कि आगामी पांच अगस्त को रामलला के मंदिर का भूमि पूजन होगा। साथ ही, सैकडों साल पुराना विवाद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।

चतुरी चाचा बोले- काश! कोरोना काल न होता तो हम सब अयोध्या धाम चलते। देश-विदेश के लाखों रामभक्त भी अयोध्या आते। राम मंदिर के भूमि पूजन के दिन अयोध्या में एक कुम्भ मेला होता। सब इस ऐतिहासिक तारीख के साक्षी बनते। लेकिन, कोरोना महामारी के कारण हम सबको मन मसोसना पड़ रहा है। अब तो टीवी पर ही देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन करेंगे। इधर, हम लोग घरों में पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन करेंगे। कुछ लोग सुन्दरकाण्ड और प्रसाद वितरण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार-पाँच अगस्त को घरों को दीयों से रोशन करने की भी अपील की है।

इसी बीच बड़के दद्दा व ककुवा छाते की ओट में आ पहुँचे। दोनों जन कुर्सियों पर विराजमान हो गए। तभी चंदू बिटिया गुड़, भुने चने, गुनगुना नींबू पानी व तुलसी-अदरक का काढ़ा लेकर आ गई। चंदू जब जाने लगी तो कासिम चचा ने रोक लिया। उन्होंने झोले से एक बड़ा टिफिन निकालकर चंदू को दिया। चंदू बकरीद की सेंवई लेकर घर चली गई। सबने गुड़ चना खाकर पानी पीया। फिर काढ़े के साथ बतकही शुरू हुई।

मुंशीजी ने कहा- अगर चतुरी चाचा सहित आप सब लोग सहमत हों तो पाँच अगस्त को प्रपंच चबूतरे पर ही सुन्दरकाण्ड का पाठ किया जाए। फिर यहीं से पूरे गांव में घर-घर प्रसाद पहुंचा दिया जाए। कासिम चचा बोले- यह तो सबसे बढ़िया रहेगा। मैं पूरा प्रसाद दूँगा। बाकी आप सब लोग देख लेना। अंततः चतुरी चाचा ने भीड़ न एकत्र करने की शर्त पर अपनी सहमति दे दी।

बड़के दद्दा ने कोरोना की चर्चा करते हुए कहा- बाढ़ के पानी की तरह कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। देश में अबतक 17 लाख से अधिक लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इस महामारी से अबतक 36 हजार से ज्यादा लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में भी कोरोना सितम ढाए है। परंतु, सबसे अच्छी बात यह है कि विश्व के अन्य तमाम देशों को देखते हुए अपने भारत में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या अत्याधिक है। बहरहाल, 31 अगस्त तक लॉकडाउन रहेगा। स्कूल-कॉलेज बन्द रहेंगे। गरीब परिवारों को सरकारी मदद मिलती रहेगी। उधर, मोदी सरकार नई शिक्षा नीति भी लेकर आ गयी है।

ककुवा विषय परिवर्तन करते हुए बोले- कोरोउना ते जादा आफत तौ बूड़ा काटे हय। सारी नदिया उफनाय रही हयँ। लाखन मनई बेघर होय गवा हय। असम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार अउ अन्य प्रदेशन मा बहिया आई हय। न जाने कतना मनई अउ हरहा मरि गवा हय। हर साल बाढ़ आवत हय। मुदा सरकार अबहीं तलक कौनव ठोस उपाय नाय कय पाईस। अटल जी नदियन का जोड़य केरे बारे मा सोचिन रहय। मुला तब उनकी सरकारय नाय लौटी रहय। मोदीजी का इहके बारे मा कुछु करय का चाही।

चतुरी चाचा ने ककुवा की चिंता को जायज करार दिया। फिर वह बोले- रिपोर्टर, आजकल टीवी न्यूज में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का मामला छाया है। आखिर मामला क्या है? हमने कहा- चाचा, सुशांत बड़ा होनहार अभिनेता था। उसने कम समय में बॉलीबुड में बड़ा मुकाम हासिल किया था। उसके पास धन, सम्पदा और शोहरत सब थी। ऐसे में उसके डिप्रेशन में जाने और आत्महत्या करने की बात किसी को हजम नहीं हो रही। उसके बैंक खातों से 15 करोड़ रुपए भी निकले हैं। सुशांत के परिजनों ने उसकी प्रेमिका पर बड़े संगीन आरोप लगाए हैं। अब जांच के बाद ही सब पता चलेगा।
इसी के साथ आज की बतकही सम्पन्न हो गयी। सबने चलते-चलते एक दूसरे को रक्षाबंधन की बधाई दी। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे की बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तब तक के लिए पँचव राम-राम।

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

About Samar Saleel

Check Also

इस आसान विधि से घर पर ही तैयार करें गुड़ की चिक्की

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में लोगों ने अपने खानपान से लेकर ...