औरैया। जनपद के कस्बा दिबियापुर से पांच दिन पूर्व लापता हुए डाक अभिकर्ता का शव रेलवे ट्रैक पर मिलने के बाद परिजनों ने 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी की मांग कर शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया, जिसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस के हांथ पैर फूल गये, क्षेत्रीय सांसद के आश्वासन व समझाने के बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम करने के लिए तैयार हुए।
मालूम हो कि 24 अगस्त को दिबियापुर के मोहल्ला कैलाश बाग निवासी डाकखाना अभिकर्ता मनोज दुबे (35) मोटरसाइकिल से घर से निकले थे पर शाम तक घर नहीं पहुंचने पर परिजनों द्वारा उन्हें ढूढ़ने का काफी प्रयास किया, पर कोई जानकारी न होने पर उन्होंने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। शुक्रवार की सुबह कन्हों गांव के समीप दिल्ली-हावडा रेल पथ पर रेलवे लाइन के बीचो-बीच मनोज दुबे का शव व बाइक साइड में खड़ी मिली, जिस पर हेलमेट भी था। जिसके बाद परिजनों की मांग पर पुलिस अभिकर्ता मनोज का शव उनके आवास पर लेकर पहुंची।
कुछ देर बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने को कहा तो परिजनों और स्थानीय लोगों ने मौके पर उच्चाधिकारियों को बुलाए जाने के साथ पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की मांग उठाकर हंगामा काट दिया। उनका कहना था कि मृतक अपने परिवार के भरण पोषण का एकमात्र सहारा था। मनोज के बड़े भाई के.के. दुबे किडनी की बीमारी से ग्रसित है उनका अक्सर डायलिसिस होता है, जबकि मनोज का नाबालिग बेटा सोयस हार्ट की बीमारी से जूझ रहा है। पिता रामबाबू भी गंभीर बीमार हैं, ऐसे में उसके सहारे तीन-तीन परिवार थे। परिजनों और स्थानीय लोगों का यह भी कहना था कि शरीर पर मौजूद घावों से साफ है कि मनोज की हत्या हुई है। उन लोगों में दिबियापुर पुलिस के प्रति भी नाराजगी दिखी।
काफी देर तक अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित ने परिजनों व स्थानीय लोगों को समझाने की कोशिश की पर वह नहीं माने। उसी दौरान क्षेत्रीय सांसद रामशंकर कठेरिया मनोज के आवास पर पहुंचे और उन्होंने परिजनों से वार्ता कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। सांसद ने कहा कि वे जिलाधिकारी से कहकर नौकरी व बीमार भाई के इलाज के लिए सरकारी मदद के साथ शासन से इमदाद दिलाने का प्रयास करेंगे। इसके बाद परिजनों ने करीब दो घंटे बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया। उधर एएसपी ने कहा कि घटना में जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही होगी।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर