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कोविड-19: बचाव व परीक्षण का महत्व

अनेक देशों में कोरोना से बचाव व इलाज हेतु वैक्सीन बनाने का प्रयास चल रहा है। इनमें भारत भी शामिल है। स्वतन्त्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उल्लेख भी किया था। उनका कहना था कि वैक्सीन के लिए शोध चल रहा है। सरकार भी इसके लिए तैयारी कर रही है। वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलने के बाद उक्त वैक्सीन का बड़ी मात्रा में उत्पादन भी शुरू कर दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसके अनुरूप विचार व्यक्त किये है। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन का निर्माण नहीं हो जाता,तब तक टेस्टिंग और बचाव को महत्व देना होगा। योगी ने कहा।कि जब तक कोविड की कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती,तब तक अधिक से अधिक टेस्टिंग ही इसके विरुद्ध सबसे बड़ा हथियार है। टेस्टिंग के माध्यम से संक्रमण की चेन को नियंत्रित किया जा सकता है। बचाव के लिए सरकार लोगों को जागरूक कर रही है। अनलॉक में भी गज दूरी मास्क जरूरी का सन्देश दिया जा रहा है।

इसके साथ ही योगी ने कहा कि पांच श्रेणियों के लोगों को अधिक सावधानी रखनी चाहिए। अधिकउम्र,कोमाॅर्बिडिटी कम इम्युनिटी,गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों को सुरक्षित रखने के साथ शेष लोगों में संक्रमण की स्थिति में समुचित उपचार उपलब्ध कराने की जरूरत है। योगी ने प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। कहा कि उनके द्वारा सही समय पर निर्णय लेने से भारत कई विकसित देशों के मुकाबले सुरक्षित स्थिति में है। अधिक टेस्टिंग के लिए योगी आदित्यनाथ ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में स्थापित तेरह नयी बायोसेफ्टी सेकेण्ड जेनरेशन बीएसएल टू प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया।

इनमें से दो प्रयोगशालाएं प्रदेश के विभिन्न राजकीय मेडिकल काॅलेजों तथा तीन प्रयोगशालाएं निजी मेडिकल काॅलेजों में स्थापित की गई हैं। योगी ने कहा कि प्रयोगशालाओं द्वारा लगातार कार्य करके अधिक से अधिक टेस्ट पूरी पारदर्शिता व गुणवत्तापूर्ण ढंग से सम्पन्न किए जाएं। इस समय प्रदेश में डेढ़ लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं। प्रारम्भ में जहां प्रदेश में देश में होने वाले कुल टेस्ट का पांच प्रतिशत टेस्ट किया जा रहा था,अब यह पन्द्रह प्रतिशत हो गया है। अब प्रदेश में प्रति दस लाख जनसंख्या पर चौबीस हजार हजार टेस्ट किए जा रहे है। प्रधानमंत्री ने प्रत्येक जनपद में लैब बनाए जाने की बात कही थी। राज्य सरकार ने पहले चरण में सभी पुराने मेडिकल काॅलेजों में एक-एक प्रयोगशाला स्थापित करायी।

दस अन्य राजकीय मेडिकल काॅलेजों में प्रयोगशालाएं स्थापित हो गई हैं। इस प्रकार सभी मण्डल मुख्यालयों में लैब स्थापना का कार्य सम्पन्न हो गया है। अब प्रत्येक जनपद में आरटीपी सीआर की बीएसएल टू प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निरन्तर प्रयास से पिछले तीन वर्षों में वेक्टर जनित रोगों से होने वाली मृत्यु में पंचानबे प्रतिशत की कमी आयी है। निकट भविष्य में प्रदेश के राजकीय क्षेत्र में तीन बीएसएल थ्री लैब स्थापित होंगे।

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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