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ढ़ोगी बाबा: बड़े गिरोह का हो सकता है पर्दाफाश

नई दिल्ली। दो महीने से फरार चल रहे बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित के दिल्ली स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती पालीवाल हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब विश्वविद्यालय जांच के लिए पहुंची तो उन्हें रोक लिया गया। दरअसल विश्वविद्यालय का फर्जीवाड़ा खुलने न पाये इसके लिए किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। पिछले 1994 से चल रहे इस ​फर्जीवाड़े के पीछे बाबा बहुत बड़ा सेक्स रैकेट चला रहा था। जहां पर 9 से 30 साल की बच्चियों को नशीला पदार्थ खिलाकर सेक्स की दुनिया में उतारने का काला कारनमा किया जाता था। जिसके पीछे बहुत ही बड़े क्रिमिनलों का हाथ उसके सर था। जिनके साथ बाबा की जुगलबंदी चल रही थी। विश्वविद्यालय के अंदर घुसते ही महिला आयोग अध्यक्ष को रोकने वाला सख्स किसी बड़े वकील से बात कर रहा था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि न्याय विभाग का एक क्रिमिनल धड़े के साथ राजनीतिक धड़ा भी इस काले कारनामों का हिस्सा बना रहा है। जिसका उनकी काल डिटेल के माध्यम से खुलासा किया जा सकता है। लेकिन पिछले दो महीने से फरार इस बाबा का पता ही नहीं लगाया जा पा रहा है। जबकि वह अभी तक देश के अंदर ही मौजूद है। इसके पीछे के रहस्यों पर पर्दा डालने वाली कोशिशें भी अपनी पूरी ताकत के साथ शायद तेजी से सक्रिय हैं। सीबीआई ने बाबा के फरूखाबाद स्थित आश्रम पर भी छापेमारी की है।
कई तालों के अंदर बंद थी लड़कियां और महिलाएं
फर्जी विश्वविद्यालय के गेट के अंदर पहुंचते ही लड़कियों और महिलाओं को बंधक बना लिया जाता था। इसके लिए पहले उन्हें नशीला पदार्थ खिलाकर आदी बनाया जाता था। फिर उनके साथ रेप किया जात था। महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि महिलाओं को गुफाओं के अंदर लोहे के तीन बड़े गेट के अंदर जिनमें ताले जड़े हुए थे, रखा गया था। जिससे वह भाग न सके। अगर कोई लड़की या महिला भागने की कोशिश भी करती है तो गुफाओं के अंदर ही भटक कर रह जाती।

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