प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर सीधा हमला बोला। कहा कि वह सरकार परियोजनाओं को लम्बित रखने में विश्व करती थी। फाइल खोलती थी,बन्द करती थी। समय बीत जाता था। मोदी ने कहा कि सीमा क्षेत्र पर निर्माण बहुत आवश्यक था। लेकिन पहले की सरकार गम्भीर नहीं थी। यूपीए सरकार जिस प्रकार कार्य कर रही थी,उससे यह सुरंग 20040 में बनती। लेकिन यूपीए की बिदाई के साथ अभूतपूर्व तेजी लाई गई। छह साल में छब्बीस साल का काम किया गया। परियोजना में देरी से नुकसान होता है। यूपीए में देरी होने से इसकी लागत तीन गुना बढ़ गई। विकास के लिए कनेक्टिविटी आवश्यक है। लेकिन इसके लिए इच्छाशक्ति आवश्यक होती है।
पहले की सरकार ने सामरिक योजनाओं को लटकाया,भटकाया। शायद यही उनकी नहीं है। असम में सबसे बड़े रेल पुल का कार्य अटल जी की सरकार ने शुरू किया था। लेकिन यूपीए में यह लटक गया। मोदी सरकार ने इसे तेज किया। सभी बड़े प्रोजेक्टों के साथ यही किया गया। छह वर्षो में पूरी ताकत से कार्य हो रहा। दर्जनों प्रोजेक्ट पूरे हुए। अनेक पर कार्य चल रहा है। इतनी तेजी से पहले कभी कार्य नहीं किया गया।
देश की रक्षा करने वालों की सुविधा का ध्यान रखना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। वह रैंक वन पेंशन चालीस वर्षो से लटकी थी। मोदी सरकार ने इसे पूरा किया। एक लाख करोड़ रुपये पूर्व सैनिकों को पेंशन के रूप में दिए। सैनिकों की सुविधाओं व सामरिक ताकत बढ़ाने की उपेक्षा की गई। पिछली सरकार फाइलों से खेलती रही। देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया। देश में हथियार बनाने पर कार्य शुरू किया गया। अनेक सामग्री अब आयात नहीं होगी। इनका निर्माण भारत में होगा। मोदी ने हिमाचल प्रदेश में अटल जी के साथ बिताए समय का स्मरण किया। जब वह प्रधानमंत्री थे तब मोदी वहां भाजपा के प्रभारी थे।
अटल जी ने इसका सपना देखा था,यह हिमाचल प्रदेश के लोगों का भी सपना था। यह सुरंग हिमाचल के साथ लेह लद्दाख की भी लाइफ लाइन बन गई है। पहाड़ के लोग जानते है कि चार घण्टे की दूरी कम होना कितना महत्वपूर्ण होता है। इससे किसान,पर्यटन को लाभ मिलेगा। बुद्ध के अनुयायियों को भी इससे लाभ होगा। धार्मिक पर्यटन का विश्वस्तरीय विकास होगा। सन्तुलित विकास होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अटल जी ने जब इस सुरंग का सपना देखा था,उस समय नरेंद्र मोदी हिमाचल के प्रभारी थे। आज यह सुरंग उन्हीं के कर कमलों से राष्ट्र को समर्पित की जा रही है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा की स्थिति सबको पता है। वैसे पाकिस्तान व चीन कभी भारत के हितैषी कभी नहीं रहे है। ऐसे में भारत को विशेष तैयारी करनी थी। अटल टनल इसमें उपयोगी साबित होगी। इससे सामरिक व अन्य सामग्री भेजना सुगम हो जाएगा। इसके अलावा इससे पर्यटन को गति मिलेगी।