उद्धव ठाकरे सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए महाराष्ट्र में किसी भी मामले की सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जांच को रोक दिया। सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी को दी गई सहमति वापस ले ली है। सीबीआई को अब राज्य में किसी भी मामले की जांच से पहले महाराष्ट्र सरकार की अनुमति लेनी होगी।
इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने भी इसी तरह के फैसले लिए हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र सरकार का फैसला प्रभावी नहीं होगा। कारण यह है कि सुशांत के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चल रही है और सीबीआई को इसके लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
यूपी पुलिस द्वारा टीआरपी घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज करने के एक दिन बाद महाराष्ट्र सरकार का बुधवार को फैसला आया है। यूपी सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया है। टीआरपी घोटाले की जांच में सीबीआई के हस्तक्षेप पर महाराष्ट्र सरकार ने आपत्ति जताई है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन ने मामले सीबीआई को देना रिपब्लिक टीवी के खिलाफ जांच को कमजोर करने वाला करार दिया है। मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले में शामिल 3 चैनलों में रिपब्लिक टीवी का नाम भी लिया है। हालांकि रिपब्लिक टीवी ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
दो महीने पहले, सुशांत सिंह राजपूत मामले में बिहार में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था। इसको लेकर रिपब्लिक टीवी जो मुंबई पुलिस की आलोचना में मुखर रहा है, उसने रेटिंग मामले के माध्यम से सरकार पर बदला लेने का आरोप लगाया है। चैनल ने मुंबई पुलिस के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की है कि उसने टेलीविजन रेटिंग में धांधली की है।
इस मामले में लखनऊ पुलिस ने एक मामला दर्ज किया और योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीबीआई द्वारा जांच की सिफारिश की। 24 घंटे के भीतर केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।