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डीएम साहब बने ड्राइवर…

क्‍या आपने क‍िसी ज‍िलाध‍िकारी को अपने ड्राइवर को अपनी सीट पर पीछे बैठाकर गाड़ी चलाते देखा है। शायद आपका जवाब नहीं होगा और ये लगे कि‍ भला ऐसे कैसे हो सकता है, लेक‍िन कुछ डीएम ऐसे भी हैं। इन ज‍िलाध‍िकार‍ियों ने अपने चालकों के र‍िटायरमेंट पर उन्‍हें कभी न भूलने वाला तोहफा द‍िया। हाल ही में इस बिहार के मुंगेर जिले के जिलाधिकारी चर्चा में बने हैं।

मुंगेर के जिलाधिकारी ने द‍िया ड्राइवर को सम्‍मान

बिहार के मुंगेर जिले के जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह ने वर्षों से अपनी गाड़ी ड्राइव करने वाले ड्राइवर को उसके र‍िटायरमेंट पर शानदार तोहफा द‍िया है। 32 सालों से डीएम की गाड़ी ड्राइव कर रहे कर्मचारी सम्पत राम भी अपनी व‍िदाई पर डीएम से ऐसा तोहफा पाकर रो द‍िए।

डीएम ने फेयरवेल समारोह के बाद सम्पत राम को गाड़ी में पीछे बैठने को कहा तो वह तैयार नहीं थे और डीएम साहब को हैरानी वाली नजरों से देख रहे थे। हालांक‍ि जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह के कई बार कहने पर सम्‍पत राम उनकी जगह पर बैठ गए।

इसके बाद डीएम उन्‍हें उनके घर तक छोड़ने गए। 1983 से ही जिलाधिकारी के ड्राइवर के रूप में नियुक्त सम्‍पत का कहना है क‍ि वह अपनी व‍िदाई में ज‍िलाध‍िकारी से मि‍ले इस सम्‍मान को कभी नहीं भूल सकेंगे।

ड्राइवर द‍िगंबर को मिल चुका है ऐसा तोहफा

बीते साल नवंबर में भी एक ऐसा मामला सामने आया था। महाराष्ट्र में अकोला के कलक्टर श्रीकांत ने भी अपने ड्राइवर को उसके रिटायरमेंट वाले दिन ऐसा ही तोहफा दिया था। इस आख‍िरी द‍िन कलक्टर श्रीकांत ने विदाई समारोह तक ड्राइवर दिगंबर को फूलों से सजी कार की पिछली सीट पर बैठा कर खुद कार ड्राईव की थी।

ज‍िलाध‍िकारी की ओर से ऐसा तोहफा पाकर ड्राइवर द‍िगंबर काफी खुश हुए थे। एक ड्राइवर के रूप में द‍िगंबर ने 35 साल तक राज्य को अपनी सेवाएं दी थीं।

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