बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार चरम पर है। विपक्ष की ओर से राहुल गांधी और तेजस्वी पर ही दारोमदार है। सत्ता पक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी,नीतीश कुमार,जेपी नड्डा,योगी आदित्यनाथ,राजनाथ सिंह की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बिहार की जनसभाओं में उत्साह देख कर मेरा यह विश्वास पक्का हो गया है। बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस राजद के पास विकास का कोई ऐजेंडा नहीं है। बिहार के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं होगा। उन्होंने इशारों में कहा कि विपक्षी नेताओं के पास विकास का कोई एजेंडा और विचार नहीं है।
जबकि राजनीति में नेतृत्व के पास दूरदृष्टि होनी चाहिए। नरेंद्र मोदी इसी विचार से जनसेवा कर रहे है। उन्होंने पहला काम किया कि सबका बैंकों में खाता खोला गया। इससे सरकार द्वारा भेजी गई पूरी धनराशि गरीबों तक पहुंचने लगी। किसी ने नहीं सोचा कि घर घर में शौचालय होना चाहिए। लेकिन मोदीजी ने ऐसा सोचा और गाँव गाँव में हमारे माता बहनों को दिक़्क़त नहीं हो उसके लिए घर घर में शौचालय बनवाया। राजद सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया था।
इसलिए बिहार से प्रतिभाओं का पलायन होता था। अब बिहार इंजियनरिंग व पॉलीटेक्निक कॉलेज खुल रहे है। ग्यारह ज़िलों में मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। राजनाथ सिंह ने पुलवामा आतंकी हमले पर विपक्ष की राजनीति को शर्मनाक बताया। ऐसी राजनीति राष्ट्रीय हितों के प्रतिकूल थी। इनसे पाकिस्तान का मनोबल बढ़ा। राहुल गांधी के बयान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने बचाव में संयुक्त राष्ट्र संघ में उठाया था। लेकिन अब पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति से ऐसी राजनीति बेनकाब हो गई है। रसजनाथ सिंह ने कहा कि पुलवामा हमले पर कांग्रेस द्वारा भद्दी बात कही जाती थी।
प्रधानमंत्री मोदीजी पर शक किया जाता था। तीन दिन पहले पाकिस्तान के असेम्ब्ली में खुद पाकिस्तान के मंत्री ने खुलासा किया कि पुलवामा में क्या हुआ था। अब कांग्रेस के लोग क्यूँ चुप है। गिलगित बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध क़ब्ज़ा किया हुआ है। पाकिस्तान अब गिलगित बाल्टिस्तान को राज्य बनाने जा रहा है। हमारी सरकार ने दो टूक शब्दों में कहा है कि गिलगित।बाल्टिस्तान समेत पूरा पीओके भारत का अभिन्न अंग है। हम लोग नहीं चाहते थे भारत का विभाजन हो लेकिन हो गया। जो हिंदू सिख बौद्ध पाकिस्तान में रह गए उनका उत्पीड़न किया जाता था। वहाँ पर उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता क़ानून बनाया। लेकिन कांग्रेस व राजद जैसी पार्टियों को यह मंजूर नहीं था। इसलिए इस पर भी शर्मनाक राजनीति की गई।