बिहार चुनाव में राजद काल की बदहाली और राजग के विकास कार्य चर्चा में है। नई पीढ़ी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की छवि को सुधरते हुए देखा है। इसी के साथ उनको राजद सरकार के क्रियाकलापों की भी जानकारी मिल रही है। कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी ने चालीस वर्ष से अधिक आयु के लोगों से एक अपील की थी। उनका कहना था कि ऐसे लोग नई पीढ़ी को राजद के कुशासन से अवगत कराएं। उस समय के जंगल राज की जानकारी नए मतदाताओं को अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि उनको बिहार के भविष्य निर्धारण में योगदान देना है। राजद के समय विकास कार्यों का कोई महत्व नहीं था। नीतीश कुमार सरकार बिहार का विकास कर रही है। सड़कों का निर्माण किया गया। कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।
योगी आदित्यनाथ अपनी चुनावी सभाओं में राजद के कुशासन व राजग के सुशासन का प्रमाणों के साथ अंतर बता रहे है। योगी ने कहा कि सीतामढ़ी को अयोध्या से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा राम जानकी मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है। जब यह मार्ग बन जाएगा तो सीतामढ़ी से अयोध्या की दूरी मात्र पांच छह घण्टे के अंदर पूरी की जा सकेगी। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य का भी शुभारम्भ हो चुका है। जबकि कांग्रेस व राजद इस समस्या के समाधान में व्यवधान डालने का प्रयास कर रही थी। कांग्रेस व राजद रोजगार के नाम पर नौजवानों को बहकाने का कार्य कर रहे हैं। ये पार्टियां दशकों तक बिहार व केंद्र की सत्ता में रही। तब उन लोगों ने गरीबों को मकान नहीं दिया,रोजगार नहीं दिया, गैस के कनेक्शन नहीं दिए,विद्युत के कनेक्शन नहीं दिए,शौचालय नहीं बनाए, स्वास्थ्य बीमा का कवर नहीं दिया। किसानों के लिए भी कुछ नहीं किया। गरीबों को खाद्यान्न भी नहीं दिया।
यह तो कुछ भी नहीं जानवरों का चारा भी चट कर गए। अब रोजगार का झुनझुना पकड़ाकर लोगों की आंखों में धूल झोंकने का कार्य यह लोग करना चाहते हैं। इन लोगों ने जाति के नाम पर बिहार को बांटा था। मत और मजहब के आधार पर सामाजिक तानेबाने को बिगाड़ा था। राजग व भाजपा की सरकारें गरीब कल्याण व विकास के प्रति समर्पित है। तीन करोड़ गरीबों को मकान,चार करोड़ गरीबों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन,आठ करोड़ गरीबों के लिए रसोई गैस का निःशुल्क कनेक्शन,दस करोड़ गरीबों के लिए निःशुल्क शौचालय,बारह करोड़ गरीबों के लिए गरीब किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से आच्छादित करना,पन्द्रह करोड़ नौजवानों के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में आर्थिक स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त करना,पैतीस करोड़ गरीबों का बैंक में जनधन खाता उपलब्ध कराना,पचास करोड़ गरीबों को आयुष्मान भारत के अंदर पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर देना,
कोरोनाकाल के दौरान अस्सी करोड़ गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया। सबका साथ सबका विकास का नारा प्रधानमंत्री मोदी के इस अभियान का हिस्सा है। इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया।