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आतंकवादी नहीं IAS पैदा करते हैं मदरसे: अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी के मदरसों से जुड़े विवादित बयान को खारिज करते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गैयूरूल हसन रिजवी ने कहा कि मदरसों को आतंकवाद से जोड़ना ‘हास्यास्पद’ है क्योंकि इनसे पढ़ाई करने वाले बच्चे अब आईएएस अधिकारी तक बन रहे हैं। पिछले दिनों वसीम रिजवी ने मदरसों पर आतंकवाद को बढावा देने का आरोप लगाकर उन्हें बंद करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था।

मदरसे से पढ़कर मौलाना हम्माद जफर बने IAS

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रिजवी ने कहा, ‘‘मदरसों को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश बहुत बचकाना और हास्यास्पद है। एक या दो घटनाओं को लेकर मदरसों को बदनाम नहीं किया जा सकता।

आज के समय मदरसों से पढ़ने वाले बच्चे आईएएस अधिकारी भी बन रहे हैं और दूसरे क्षेत्रों में नाम कमा रहे हैं। मैं तो यह कहूंगा कि मदरसे आतंकवादी नहीं, बल्कि आईएएस पैदा करते हैं।’’ ऐसी कई मिसालें मिलती हैं जब मदरसों से पढ़े बच्चों ने यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। दारूल उलूम देवबंद से पढ़ाई करने वाले मौलाना वसीमुर रहमान ने 2008 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। उनको 404वीं रैंक मिली थी। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में मदरसा ‘अली अरबिया’ से पढ़ाई करने वाले मौलाना हम्माद जफर ने 2013 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और उनको 825वीं रैंक हासिल हुई थी।

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बीजेपी सरकार मदरसों का कर रही अधुनिकीकरण

गैयूरुल हसन रिजवी ने कहा, ‘‘यह बात सामने आई है कि इन (वसीम रिजवी) पर कई मामले चल रहे हैं और वह सरकार की नजर में अच्छा बनने के लिए इस तरह की बेबुनियाद बातें कर रहे हैं। लेकिन मैं पूरे यकीन से कह सकता हूं कि सरकार को इनकी बातों पर कोई यकीन नहीं है। सरकार तो मदरसों का अधुनिकीकरण करना और इनको आगे बढ़ाना चाहती है।’’

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