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मैक्सिमम गवर्नेन्स पर अमल

         डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले छह वर्षो में व्यवस्था संबन्धी अनेक बदलाव किए है। उन्होंने जन सामान्य पर पूरा विश्वास किया। इसके दृष्टिगत भी अनेक कदम उठाए गए। करोड़ों लोगों ने एलपीजी सिलेंडर की सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ी। करोड़ों लोगों को निशुल्क गैस कनेक्शन मिलना संभव हुआ। यह जन सामान्य के सहयोग का ही परिणाम था। राजपत्रित अधिकारी से अपने कागजों को प्रमाणित करने की मुसीबत से मुक्ति मिली। सरकार ने नागरिकों पर विश्वास करते हुए उन्हें स्वप्रमाणित करने का अधिकार दिया। डिजिटल व्यवस्था भी अनेक रूप में मैक्सिमम गवर्नेन्स को व्यवहारिक बनाने में सहायक साबित हो रही है। पहली बार देश का बजट इस माध्यम से प्रस्तुत किया गया। योगी आदित्यनाथ भी इसके दृष्टिगत प्रयास कर रहे है।

UP का बेहतर रिकार्ड

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक से कोरोना काल खण्ड में सभी जरूरतमन्दों को सुविधाएं सुलभ कराने में शासन को बहुत आसानी हुई। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने जनधन योजना लागू की थी। डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को लाभान्वित करने में यह व्यवस्था अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई।

इसके माध्यम से मात्र एक क्लिक से करोड़ों लोगों के खाते में आर्थिक सहायता राशि का तेजी और पारदर्शिता से अन्तरण सम्भव हुआ। राज्य सरकार ने सत्तासी लाख परिवारों को कोरोना काल खण्ड में पेंशन राशि उपलब्ध कराने के साथ ही विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को लाभान्वित किया। उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक आपूर्ति प्रणाली से सन्तुष्टि का स्तर छियानबे प्रतिशत है। यह देश में सर्वाधिक है।

मंत्रियों का प्रशिक्षण

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आधुनिक तकनीक विभिन्न कार्याें के शीघ्र एवं पारदर्शी सम्पादन में अत्यन्त सहायक है। राज्य सरकार ई ऑफिस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। इससे शासकीय कार्याें के सम्पादन में सुगमता तीव्रता व पारदर्शिता आती है। ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू करने के दिशा में कदम उठाए जा रहे है। मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक को ई कैबिनेट माध्यम से सम्पन्न कराने के लिए मंत्रिपरिषद के सदस्यों को गहन प्रशिक्षण कराया जाएगा।

मंत्रिगण के घर व कार्यालय में भी ई-कैबिनेट के सम्बन्ध में प्रशिक्षित कराया जाएगा। उन्हें ई कैबिनेट के सिक्योरिटी फीचर्स के सम्बन्ध में जानकारी देकर अभ्यास कराया जाए। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू किये जाने के लिए मंत्रिपरिषद के सदस्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया।

ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू हो जाने से मंत्रिपरिषद की कार्यवाही पेपरलेस हो जाएगी। ई-कैबिनेट व्यवस्था से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प मिनिमम गवर्नमेण्ट,मैक्सिमम गवर्नेन्स के अनुरूप कार्याें को सम्पादित करने में सुगमता व तेजी आएगी। केन्द्रीय बजट की तरह राज्य के बजट को भी पेपरलेस किये जाने के प्रयास किये जाएंगे।

विधायकों को टैबलेट

मंत्रियों के अलावा विधायकों को भी इस व्यवस्था में सहभागी बनाने के प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान मण्डल सत्र से पहले सभी सदस्यों को भी टैबलेट उपलब्ध कराये जाएं। टैबलेट के प्रभावी प्रयोग के लिए विधायकगण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। मंत्रिपरिषद एवं विधान मण्डल सदस्यों के व्यापक रूप से तकनीक से जुड़ने से नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बनता हुआ दिखायी देगा।

खाद्यन्न खरीद में ई-व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक आपूर्ति प्रणाली की सफलता ई पॉस मशीनों के व्यापक उपयोग से सम्भव हुई है। इससे पारदर्शी ढंग से वास्तविक लाभार्थी तक खाद्यान्न की आपूर्ति सम्भव हुई है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक को अपनाने से जहां प्रदेश में पहले से अधिक संख्या में लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है,वहीं विगत दो वर्षाें में राज्य को लगभग 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

राजकीय सेवाओं एवं विकास कार्यों में मानव हस्तक्षेप कम से कम करने एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा ई-टेण्डरिंग,जेम पोर्टल आदि व्यवस्थाएं प्रभावी ढंग से लागू की गई हैं। राज्य सरकार द्वारा गेहूं खरीद वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीद में ई-पॉप मशीनों के प्रयोग के निर्देश दिये गये हैं।

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