हाथ की रेखाओं से व्यक्ति की पर्सनल लाइफ से जुड़ी तमाम बातों की भविष्यवाणी की जा सकती है. हस्तरेखा शास्त्र (Hast Rekha Shastra) के अनुसार वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों में आने वाली दिक्कतों का संकेत हथेली की रेखाएं पहले ही दे देती हैं. अगर समय रहते इन्हें समझा जाए तो रिश्ते में दरार आने से बचा जा सकता है.
हस्तरेखा के मुताबिक हाथों की कुछ रेखाएं समय-समय पर बदलती रहती हैं. हाथ की रेखाओं का परिवर्तन व्यक्ति के विचारों में बदलाव को भी दर्शाता है. हथेली की रेखाओं में बदलाव को देखते हुए सतर्क रहा जा सकता है.
हस्तरेखा शास्त्र (Hast Rekha) के अनुसार व्यक्ति के हाथ की विवाह रेखा से प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन से जुड़ी कई बातों की जानकारी मिलती है. व्यक्ति के हाथ की सबसे छोटी उंगली यानी कनिष्ठिका के नीचे वाले भाग में विवाह रेखा होती है.
हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति की हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा की ओर जा रही हो या फिर हृदय रेखा पूरी तरह से मस्तिष्क रेखा में मिल जाए तो ऐसे व्यक्ति हमेशा अपने मन की करते हैं. ऐसी परिस्थिति में कई बार रिश्तों में तनाव बना रहता है. जिससे रिश्ते एवं प्रेम संबंध टूटने लगते हैं.
हस्तरेखा के अनुसार यदि किसी जातक के हाथ में विवाह रेखा पहले तो गहरी हो लेकिन कुछ समय बाद हल्की होती जा रही हो तो ऐसे व्यक्ति के संबंधों में धीरे-धीरे प्रेम के प्रति उदासीनता बढ़ती जाती है. वहीं, यदि किसी जातक के हाथ में विवाह रेखा हल्की हो और आगे चलकर गहरी होती जाए तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में दिन प्रतिदिन प्रेम भाव बढ़ता ही जाता है.
विवाह रेखा स्पष्ट और गहराई वाली शुभ मानी जाती है. स्पष्ट विवाह रेखा वाले व्यक्तियों का वैवाहिक जीवन खूबसूरत होता है. यदि विवाह रेखा टूटी हुई होती है तो दाम्पत्य जीवन में अड़चन आती है.
यदि विवाह रेखा ऊपर की ओर से अनेक शाखाओं में बंटी हो तो इससे रिश्ते में प्रेम बंटने का संकेत मिलता है. साथ ही वैवाविक जीवन में वैचारिक मतभेद भी देखने को मिलता है. कई बार विवाद इतना बढ़ जाता है कि रिश्ते टूट जाते हैं.