लखनऊ। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को चुनावों में करारी शिकस्त देकर सत्ता में आई योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली सरकार ने सूबे में प्राइवेट पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए साल 2018 और 2019 में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था।
यूपी की भाजपा सरकार के इस सार्थक प्रयास का असर अब धरातल पर भी नज़र आने लगा है। इस बात का खुलासा राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी व्यवस्था परिवर्तक, समाजसेविका और नामचीन आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा द्वारा बीते जनवरी महीने की 28 तारीख को भेजी गई एक आरटीआई अर्जी पर इन्वेस्ट यूपी के जनसूचना अधिकारी हरगोविंद सिंह द्वारा बीती 17 फरवरी को जारी किये गए उत्तर से हुआ है।
हरगोविंद ने उर्वशी को बताया है कि इन्वेस्टर्स समिट 2018 और इन्वेस्टर्स समिट 2019 के दौरान और उसके बाद हस्ताक्षरित एमओयू में दिनांक 08 जनवरी 2021 की स्थिति के अनुसार रुपया 50,516 करोड़ 64 लाख के 207 एमओयू द्वारा कामर्शियल ऑपरेशन प्रारंभ कर दिया गया है। हरगोविंद ने उर्वशी को बताया, शुरू हो चुके इन 207 एमओयू में 1,26,911 नए रोजगार सृजित हुए हैं।
पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में लम्बे समय से काम कर रही व्यवस्था परिवर्तक उर्वशी ने सूबे के विकास और युवाओं को रोजगार देने को प्राथमिकता देने के अपने वादे पर खरा उतरती योगी सरकार को सार्वजानिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सरकार से अपेक्षा की है कि सरकार इन्वेस्टर्स समिट 2018 और इन्वेस्टर्स समिट 2019 के दौरान और उसके बाद हस्ताक्षरित एमओयू में से शत-प्रतिशत को साल 2021 में ही धरातल पर लाने का काम पूरा कराकर सूबे में लाखों करोड़ का प्राइवेट पूंजीनिवेश कराकर विकास की रफ्तार बढाने के साथ-साथ सूबे के युवाओं को लाखों की संख्या में और नए रोजगारों का तोहफा देने के लिए जोर-शोर से जमीनी कार्यवाही करती रहेगी।