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राज्यपाल का महिला स्वावलंबन सन्देश

आनन्दी बेन पटेल की जीवन यात्रा स्वयं में महिलाओं को प्रेरणा देने वाली है। बाल्यकाल से ही उनमें पढ़ने व समाज सेवा की ललक थी। पढ़ाई व स्पोर्ट दोनों में उनका रिकार्ड शानदार रहा। वह पहले शिक्षिका बाद में मंत्री व मुख्यमंत्री बनी। इस समय उत्तर प्रदेश की राज्यपाल है। इन सभी दायित्वों के दौरान उन्होंने महिला सशक्तिकरण बालिकाओं की शिक्षा स्वास्थ्य आदि संबन्धी उल्लेखनीय कार्य किये। उनका मानना है कि महिलाएं शिक्षित व स्वावलंबी होती है तो वह केवल अपना ही नहीं पूरे परिवार का हित संवर्धन करती है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर होने के साथ साथ आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अपनी आमदनी को परिवार के पठन पाठन एवं उत्थान के कार्यों में लगायें ताकि परिवार शैक्षिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त हों और आपके बच्चे आपकी ताकत बन सकें।

महिला समृद्धि

आनन्दी बेन ने राजभवन में महिला समृद्धि महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होने कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के समस्त जिलों से आये स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को संबोधित किया। कहा कि मातृशक्ति के उत्थान के बिना किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। क्योंकि महिलाएं किसी भी समाज के विकास की धुरी हैं। एक महिला के विकास का मतलब है एक पूरे परिवार का विकास। इसलिये समाज के हर वर्ग को महिला उत्थान की दिशा में अपना सक्रिय एवं सार्थक योगदान देना चाहिए। नाबार्ड के अलावा केजुएमयू लखनऊ विश्वविद्यालय शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय एवं एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ के सहयोग से महिला समृद्धि महोत्सव आयोजित किया जा रहा है।

अनेक विधाओं से प्रशिक्षण

राज्यपाल ने बताया कि यहां पर तीन दिवसीय कार्यक्रम में उपस्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वास्थ्य,शिक्षा, समानता स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता के विभिन्न पहलुओं की जानकारी विषय विशेषज्ञों द्वारा दी जाएगी। इसके साथ ही लोक विधाओं जैसे नाटक,पपेट,जादू आदि माध्यम से दी जा रही है ताकि महिलायें शिक्षित होकर समाज में फैली विभिन्न बीमारियों जैसे कुपोषण,क्षयरोग, एनीमिया तथा विभिन्न प्रकार के गम्भीर रोगों के बारे में जानकर अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि महिलाओं के शिक्षित होने से वे विभिन्न सामाजिक कुरीतियां जैसे दहेज प्रथा,नशा उन्मूलन,लिंग भेद से भी लड़ सकेंगी, क्योंकि उनके दुष्परिणाम से भी वे भलीं भाति परिचित होंगी। इन सामाजिक कुरीतियों से प्रत्येक महिला को गुजरना होता है। इसलिये अपनी बेटियों को शिक्षित करायें ताकि वे विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से बच सकें। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मशरूम तथा खाद्य प्रसंस्करण का तीन दिवसीय प्रशिक्षण भी महिलाओं को दिया जा रहा है ताकि वे अपने घरेलू कार्य के साथ-साथ अन्य कार्य करके आत्मनिर्भर बन सकें। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज सभी पचहत्तर जिलों की महिलायें अपने उत्पाद के साथ राजभवन में उपस्थित हैं।

महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम

नाबार्ड के मुख्य महा प्रबन्धक डा डीएस चैहान ने बताया कि स्वयं सहायता समूह बैंक सहबद्धता कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक अभूतपूर्व प्रयास है अभी तक देश में एक करोड़ महिला समूहों के माध्यम से लगभग बारह करोड़ ग्रामीण परिवारों को बैकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा चुका है। उत्तर प्रदेश में भी पांच लाख समूहों का बैंक खाता खुल चुका है,जिसमें लगभग साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये समूहों की बचत जमा है और लगभग डेढ़ लाख समूहों को क्रेडिट लिंक किया गया है। इस प्रकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग पचास लाख परिवारों का आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया गया।

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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