हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं. और टीम इंडिया फिलहाल वही करती दिख रही है. वो सीरीज दर सीरीज पहले हारती और फिर विरोधी टीमों को हराती दिख रही है. भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे से लेकर इंग्लैंड के खिलाफ खेली टेस्ट सीरीज तक के इतिहास को टटोलें तो हाल कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. भारत पहले हारा है फिर हराया है.
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज के पहले मैच को बुरी तरह से हारने के बाद भारत ने उतने ही शानदार अंदाज में इतिहास रचा और 2-1 से सीरीज जीतने में कामयाब रहा. कुछ ऐसा ही इंग्लैंड के खिलाफ खेली घरेलू टेस्ट सीरीज में भी देखने को मिला है. भारत यहां भी चेन्नई में खेला पहला टेस्ट हारा पर उसके बाद जो वापसी की उसे सबने देखा. भारत ने फिर इंग्लैंड को नाको चने चबवा दिए और टेस्ट सीरीज को 3-1 से जीत लिया.
T20 सीरीज का पहला मैच हारे
अब फिलहाल सामने 5 T20 की सीरीज है. भारत इस सीरीज का भी पहला मैच हार चुका है. इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में खेले पहले T20 में उसे 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा है. इस मुकाबले में भारत की बल्लेबाजी खास्ताहाल रही, जो सिर्फ 20 ओवरों में 8 विकेट पर 124 रन ही बना सकी. जवाब में इंग्लैंड ने इस लक्ष्य को 2 विकेट खोकर 27 गेंद पहले ही हासिल कर लिया.
पहले हारे मतलब अब जीतेंगे सीरीज?
खैर, पहले T20 में हार मिली तो हार स्वीकार है. क्योंकि, टीम इंडिया को सीरीज जीतने के लिए हारना जरूरी था. वो काउंटर अटैक में विश्वास रखने वाली टीम है, बजाए इसके की पहला धावा बोला जाए. माना जाता है कि जो पहले धावा बोलता है जीत उसी की होती है. लेकिन, टीम इंडिया के केस में ये बात थोड़ी उलट दिखती है. वो पहले हमला झेलती है फिर करती है. बहरहाल, इंग्लैंड से पहला T20 हारने के बाद उसे सीरीज जीत का लाइसेंस तो मिल ही गया है. देखना ये है कि अब जारी इतिहास एक बार फिर से खुद को दोहराता है या नहीं.