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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…कोरोना का सबसे ज्यादा आतंक गैर भाजपा शासित राज्यों में ही क्यों?

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

चतुरी चाचा आज अपने प्रपंच चबूतरे पर चिंतित मुद्रा में बैठे थे। चबूतरे के पास पड़ी कुर्सियों पर कासिम चचा, मुन्शीजी, ककुवा व बड़के दद्दा विराजमान थे। नदियारा भौजी भी वहीं खड़ी थीं। सब लोग कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर बातें कर रहे थे। मैं भी उसी प्रपंच में शामिल हो गया। नदियारा भौजी बोली- भइय्या, का ई कोरोउना क्यार होली ते बैर हय? पिछले बरस होली ते शुरू भा रहय। छह-सात महीने खून कय आँसू रुलाइस रहय। अब द्याखव फिर दहिजरा आय गवा। आखिर युहु का चाहत हय? का युहु कोरोउना दुनिया उजारि देई? अब जौ बंदी भई तौ सब बिगरिन जाई।

चतुरी चाचा बोले- बहुरिया, तुम सही कह रही हो। कोरोना दुनिया का बड़ा नुकसान कर चुका है। लाखों लोग बैमौत मारे जा चुके हैं। करोडों लोगों की रोजी-रोटी छिन गयी। इधर, कुछ महीने से थोड़ा शांत हो गया था। सारा कामकाज पटरी पर आने लगा था। भारत सहित अन्य तमाम देशों में टीकाकरण भी शुरू हो गया। लेकिन, कोरोना एक बार फिर अपना विकराल दिखाने लगा है। अच्छा, लोग मानते भी नहीं हैं। ज्यादातर लोग बिना मॉस्क बाहर निकलते हैं। उनके लिए दो गज की दूरी का कोई मतलब नहीं है। व्यक्तिगत साफ-सफाई पर भी ध्यान नहीं देते हैं। ये लोग ही कोरोना संक्रमण को फैलाते हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा है कि ऐसे लापरवाह लोगों के साथ क्या किया जाए?

मुन्शीजी ने चतुरी चाचा की बात में अपनी सहमति जताते हुए कहा- चतुरी चाचा, आपका कहना सही है। अगर सभी लोग मॉस्क, दो गज की दूरी और समय-समय पर हाथ धोने के नियम का कड़ाई से पालन करते रहें, तो कोरोना का संक्रमण होगा ही नहीं। इसका जीता जागता उदाहरण अपना गांव है। आपके प्रयास से पूरा गांव कोरोना के तीनों नियमों का कड़ाई से पालन करता आ रहा है। फलस्वरूप, अपने गांव में आजतक किसी को कोरोना नहीं हुआ। ऐसे ही हर गांव और शहर में सभी लोग मॉस्क लगाकर ही बाहर निकलें। सार्वजनिक स्थानों पर दो गज की दूरी का पालन करें। साथ ही, साबुन से अपने हाथ धोते रहें। यदि ऐसा हर जगह होगा तो कोरोना का संक्रमण होगा ही नहीं।

चतुरी चाचा

इसी बीच चंदू बिटिया कुल्हड़ में अदरक-तुलसी की कड़क चाय व गुनगुना नींबू-पानी लेकर आ गई। चंदू जब ट्रे रख कर जाने लगी, तब चतुरी चाचा बोले- चंदू बिटिया, चना का होरा (भुनी हुई चने की फलियां) और हरी धनिया, हरे मिर्च की चटपटी चटनी भी ले आओ। हम सब लोग प्रपंच के बाद चने का होरा खाएंगे। ककुवा ने चाय-पानी के बाद फिर से बतकही शुरू की। वह बोले- हमरे तौ 6-7 साल ते चनय नाइ बोआ गवा। पहिले गन्ना बौउब बन्द कीन गवा। अब चनव ते हाथ जोड़ि लेहन। हमार पाही पय खेत हयँ। को हुंआ दिनरात बचावै। हमरे ख्यात मा तीन गांवन केरे चोट्टे अदमी अउ छुट्टा हरहा दांदि मचावत हयँ। चतुरी भाई केर ख्यात तौ दुआरेन हयँ। ई चाहे जौनु बोवयँ। सब आँखिन तरे रहत हय।

कासिम चचा ने कोरोना से जुड़ी बात करते हुए कहा- मुझे एक बात समझ नहीं आ रही है। कोरोना का सबसे ज्यादा आतंक गैर भाजपा शासित राज्यों में ही क्यों हो रहा है? महाराष्ट्र, दिल्ली, पँजाब, केरल, तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में ही कोरोना सितम ढाए है। पिछले साल महाराष्ट्र व दिल्ली में सबसे बुरी स्थिति थी। इस बार भी गैर भाजपाई राज्यों में कोरोना आफत किये है। कासिम चचा को रोकते हुए ककुवा बोले- कासिम मास्टर तुमार हरु अलगय चलत हय। आखिर तुम कहा का चाहत हौ। का चीन केरी तना हिंया भाजपा कोरोउना क्यार कीड़ा बनाय रही? का मोदिक इशारे पय कोरोउना तांडव करत हय? पूरी दुनियम कोरोउना ते हाहाकार मचा हय। भारत मा फिरिव गनीमत हय। यहिके बादिव तुम इसारन इसारन मा भाजपा का दोषी बनाए रहे हौ। कासिम चचा बोले-ककुवा आप गलत समझ रहे हैं। हमने भाजपा का तो नाम भी नहीं लिया है। बस, एक बात कह रहे थे।

चतुरी चाचा

बड़के दद्दा ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- यूपी के पँचायत चुनाव में तो बड़ा फेरबदल हो गया। उच्च न्यायालय ने वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानकर नए सिरे से आरक्षण करने का आदेश दे दिया है। अब एक बार फिर से पंच, प्रधान, क्षेत्र पँचायत सदस्य एवं ब्लॉक प्रमुख, जिला पँचायत सदस्य एवं अध्यक्ष की तमाम सीटों का आरक्षण बदल जायेगा। साथ ही, आगामी 25 मई तक चुनाव सम्पन्न कराने का भी आदेश दिया है। इसकी वजह से गांवों में पँचायत की राजनीति थोड़ा ठहर सी गयी है। विभिन्न पदों पर लड़ने वाले लोग अब नए आरक्षण के हिसाब से तैयारी करेंगे।

चतुरी चाचा बोले- पँचायत चुनाव के मजे बाद में लेना। अभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की धमाचौकड़ी का आंनद लीजिए। होली का त्योहार सिर पर है। कोरोना के बीच होली मनाने की तैयारी कीजिए। अब रिपोर्टर कोरोना का अपडेट दे दें। फिर प्रपंच खत्म करके सब जने भर पेट चने का होरा खाओ। आप सबके लिए कल रात में ही चने का होरा लगवाया था। अंत में हमने सबको बताया कि विश्व में अबतक करीब 12 करोड़ 24 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 27 लाख से अधिक लोगों को कोरोना निगल चुका है।

इसी तरह भारत में अबतक एक करोड़ 15 लाख 55 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि एक लाख 59 हजार से ज्यादा लोग बैमौत मारे जा चुके हैं। भारत सहित कुछ देशों में एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण बढ़ गया है। बहरहाल, भारत व अन्य कई देशों में टीकाकरण का अभियान तेजी से चल रहा है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक करके राज्य सरकारों को कोरोना से लड़ने का तौर तरीका बताया है। इसी के साथ पीएम ने भारत के समस्त नागरिकों से अपील की है कि कोरोना से जुड़े सभी नियमों का कड़ाई से पालन करें। जबतक सबको टीका नहीं लग जाता है। तबतक किसी प्रकार की ढिलाई न करें। इसी के साथ आज की बतकही सम्पन्न हो गई। अगले रविवार को मैं चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाले प्रपंच के साथ हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

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