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IPS अमिताभ ठाकुर मामले में सरकार के खिलाफ धरना देने के बाद हाई कोर्ट गए प्रताप चंद्र पूर्व में कर चुके हैं अमिताभ की बर्खास्तगी और FIR के मांग

लखनऊ। जबरिया रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर मामले के क्रम में अमिताभ ठाकुर के पक्ष में सरकार के खिलाफ धरना देने के बाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दाखिल करने वाले लखनऊ सिविल सोसाइटी के सदस्य प्रताप चंद्र पूर्व में तत्कालीन आईजी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ लखनऊ के आशियाना पुलिस थाने में एफआईआर की तहरीर देकर खुद ही अमिताभ की बर्खास्तगी की मांग भी कर चुके हैं।

दरअसल कई वर्ष पूर्व अमिताभ द्वारा फेसबुक पर महात्मा गांधी के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करने कर बाद राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चंद्र ने तत्कालीन आईजी के खिलाफ आशियाना थाने में तहरीर दी थी और कार्रवाई की मांग की थी। प्रताप चंद्रा ने अमिताभ पर आरोप लगाया था कि अमिताभ ने फेसबुक पर महात्मा गांधी और महिला समाज पर बेहद ही आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा था कि बापू गैर औरतों के साथ सार्वजनिक रूप से सोते थे। गाँधी विवाहित थे और अविवाहित महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाया करते थे। आईजी की इस अमर्यादित टिप्पणी के बाद इस फेसबुक पोस्ट पर तमाम सरकारी और गैरसरकारी लोगों ने महात्मा गाँधी पर घिनौने लेख लिखे थे। तब प्रताप चंद्रा ने आरोप लगाया था कि इस टिप्पणी में जहां एक तरफ अमिताभ ने राष्ट्रपिता को अपमानित करके देश और राज्य के लोगों की भावना को ठेस पहुँचाया वहीं दूसरी तरफ महिला समाज पर चरित्र हीनता का घिनौना आरोप तय कर दिया।

प्रताप चंद्र ने अमिताभ की टिप्पणियों को जनभावना और महिला समाज की अस्मिता के विरूद्ध मानते हुए आशियाना थाने में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी और पार्टी के प्रवक्ता विजय कुमार पांडेय ने बताया थी कि अमिताभ ठाकुर के तदसमय सरकारी महकमे में सेवारत होने के कारण उनकी टिप्पणी की गंभीरता ज्यादा मायने रखती थी और उन्होंने आईजी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी।

हाल ही में अमिताभ ठाकुर के जबरिया रिटायरमेंट के बाद जब प्रताप चंद्रा ने इस मुद्दे पर पीआइएल दाखिल करने की बात सोशल मीडिया फेसबुक के माध्यम से सार्वजनिक की तो लखनऊ की सोशल एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने प्रताप चंद्रा को पिछली बातें याद दिलाते हुए सवाल किया, “आदरणीय प्रताप चंद्रा जी,शायद ये आप ही थे और शायद ये आपकी ही राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी थी। जिसने 7 साल पहले अमिताभ ठाकुर को बर्खास्त करने की मांग करते हुए FIR की तहरीर लखनऊ के आशियाना थाने में दी थी और अब जब सरकार ने आपकी मांग मान ली है तो सरकार के विरोध में धरना-प्रदर्शन, PIL इत्यादि! आप और आपका राजनैतिक दल तब सही थे या अब सही हैं?”

उर्वशी के सवाल पर प्रताप चंद्रा ने जबाब दिया, “तब भी सही थे और तब जिस बात के लिए एफआईआर की तहरीर दी थी। तब अमिताभ ठाकुर ने सार्वजनिक अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी, और अब भी सही हैं जब सरकार की मिसयूज करने के रूल को चैलेंज किया है। अमिताभ के लिए रिलीफ नही मांगी और न ही पे PIL किसी के लिए है, हमारा मकसद सुधार है और लोकतंत्र को आज़ार रखना है।”

प्रताप चंद्रा की इस पोस्ट से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि महात्मा गाँधी और महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद तत्कालीन आईजी अमिताभ ठाकुर ने उस समय प्रताप चन्द्र और उनकी राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी से माफी मांगकर किसी तरह से अपनी जान बचाई थी। उर्वशी ने प्रताप चंद्र से एक और प्रश्न किया, “आदरणीय प्रताप चंद्रा जी, आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आपने माननीय उच्च न्यायालय में PIL दाखिल करते समय यह तथ्य छुपाया नहीं होगा कि आप पूर्व में अमिताभ जी की बर्खास्तगी की मांग खुद ही कर चुके हैं। विश्वास इसलिए है क्योंकि आप लखनऊ सिविल सोसाइटी के सदस्य हैं और सिविल सोसाइटी के सदस्य तथ्य छुपाकर PIL नहीं करते हैं।” जिस पर प्रताप चन्द्र ने लिखा है कि “तथ्य छुपाना आदत में नही है।”

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