बिजनेस में इंटरनेट का बड़ा रोल है. खासकर स्टॉक मार्केटिंग जैसे ऑनलाइन बिजनेस में. बस एक क्लिक में ट्रेड और सिक्योरिटी के बारे में गाढ़ी जानकारी मिल जाती है. ये सिक्योरिटी स्टॉक और बॉन्ड्स के रूप में होते हैं जो वित्तीय निवेश के तहत आते हैं. हाल के दिनों में ऐसे लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जो ऑनलाइन इनवेस्टमेंट अकाउंट खोलते हैं और इंटरनेट के जरिये अपना धंधा चमकाने का सोचते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि हैकर्स कहीं इससे दो कदम आगे जाकर सोचते हैं और निवेशकों का काम बिगाड़ते हैं.
निवेशक बस एक क्लिक में कंपनी के स्टॉक के बारे में जानकारी जुटाते हैं और खरीद-बिक्री का निर्णय लेते हैं. ऑनलाइन माध्यम से निवेशक कम समय में सस्ती दर पर स्टॉक खरीद सकते हैं और मुनाफा कमाते हुए आसानी से बेच सकते हैं. लेकिन यह बात भी जान लेनी चाहिए कि हैकर्स भी इसी सुविधा का लाभ उठाते हैं और मिनटों में सिक्योरिटी फ्रॉड करते हैं.
ये सभी काम चूंकि ऑनलाइन है, इसलिए हैकिंग के जरिये जानकारी चुराना उनके लिए आसान है. इंटरनेट उन्हें आसान जरिया देता है, यह काम तेजी से हो भी जाता है और बिना पहचान जाहिर किए किसी की जानकारी आसानी से हाथ लग जाती है. इसे देखते हुए ऑनलाइन स्टॉक मार्केटिंग करते वक्त फूंक-फूंक कर कदम रखने की सलाह दी जाती है.
क्या कहता है गृह मंत्रालय
इस बारे में गृह मंत्रालय की तरफ से हमेशा नई-नई गाइडलाइन जारी की जाती है. इसमें बताया जाता है कि जब भी साइबर बिजनेस करें तो कुछ सावधानियों को ध्यान में रखें. इससे किसी बड़े खतरे से बचा जा सकता है. गृह मंत्रालय के साइबर जागरुकता टि्वटर हैंडल साइबर दोस्त के मुताबिक, अगर कोई अनजान व्यक्ति फोन पर या मैसेज के जरिये स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए ऑफर देता है तो उस पर कतई भरोसा न करें. यह किसी बड़े खतरे का संकेत हो सकता है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, स्टॉक मार्केट के बारे में जो कुछ भी सलाह-सुझाव चाहिए हो तो सेबी से रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स से ही बात करें और उनके बताए कदमों और तरीकों पर भरोसा करें. यह माध्यम सुरक्षित है और इसमें जोखिम न के बराबर है. अगर किसी तरह का फ्रॉड हो भी जाता है तो इसकी सूचना तुरंत सेबी की बेवसाइट www.sebi.gov.in पर दें. इसके अलावा साइबर क्राइम की सूचना ऑनलाइन cybercrime.gov.in पर दी जा सकती है.
ऐसे बढ़ाया जाता है स्टॉक का दाम
इंटरनेट पर अकसर देखा जाता है कि किसी स्टॉक का दाम बढ़ाने के लिए फर्जी या भ्रामक जानकारी दी जाती है. इसमें किसी साधारण स्टॉक का दाम भी बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा सकता है. इसके लिए फ्रॉड करने वाले फोन कॉल या मैसेज का सहारा लेते हैं. इंटरनेट के जरिये उन्हें पता चल जाता है कि फलां शख्स को स्टॉक की खरीदारी करनी है.
फ्रॉडस्टर फिर उसी हिसाब से ठगी करने का सोचते हैं और पर्सनल जानकारी चुरा कर ठगी का शिकार बनाते हैं. यह काम एक साथ कई लोगों के संग होता है. इससे कई लोग एक साथ किसी स्टॉक की खरीदारी करते हैं और उस स्टॉक का दाम अचानक तेजी से बढ़ जाता है. इससे स्टॉक कंपनी पर शुरू में तेजी से लाभ होता है. लेकिन जैसे ही फर्जी खबर का पता चलता है, स्टॉक धड़ाम से गिर जाते हैं.
क्या होता है बोगस स्टॉक
फ्रॉड करने वाले कई बार ठगी करने के लिए बोगस स्टॉक का सहारा भी लेते हैं. बोगस स्टॉक का मतलब है जो स्टॉक है ही नहीं लेकिन जिसके बारे में भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है. ऐसे स्टॉक की जानकारी हमेशा फोन कॉल या मैसेज के जरिये दी जाती है. इसमें कुछ लोगों को निशाना बनाया जाता है और बोगस स्टॉक में निवेश करने के लिए उकसाया जाता है. इसके एवज में उनसे पैसा ऐंठा जाता है. जब तक उन्हें फर्जीवाड़े के बारे में समझ में आए, तब तक उनका अकाउंट साफ कर दिया जाता है. इससे बचने का यही उपाय है कि अनजान फोन कॉल या मैसेज पर भरोसा न किया जाए.