Breaking News

कोरोना महामारी से जनता त्रस्त और सरकार मदमस्त: अखिलेश यादव

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। कोरोना पर नियंत्रण का झूठा ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ क्यों किया? टीका, टेस्ट, डाक्टर, बेड, एम्बूलेंस सबकी कमी है और टेस्ट रिपोर्ट समय से न मिलने से गम्भीर रूप से बीमार इलाज के लिए सड़कों पर तड़प रहे हैं। दवाइयों की काला बाजारी पर रोक नहीं। खुद सरकार के एक मंत्री ने चिट्ठी लिख कर कोरोना अवधि में बदइंतजामी के हालात बयान किए है। मुख्यमंत्री जी को क्या सबूत चाहिए?


कोरोना महामारी में कहीं कोई सुनवाई नहीं। जनता त्रस्त है परन्तु सरकार मदमस्त है। गोरखपुर में, राजधानी लखनऊ में और अतिविशिष्ट जनपद वाराणसी में हालात विचलित करने वाले हैं। बाबा राघव दास अस्पताल के बाहर संक्रमित युवक ढाई घंटे तड़पता रहा। अंततः उसकी मौत हो गई। लखनऊ में मरीजो को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ाए जाने से कईयों ने रास्ते में दम तोड़ दिया। वेंटीलेटर और बेड के अभाव में गम्भीर मरीज तड़पते रहते हैं। यशभारती और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित सुप्रसिद्ध लेखक श्री योगेश प्रवीण को तमाम प्रयासों के बाद भी समय से एम्बूलेंस नहीं मिल सकी और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी सांसे उखड़ गई। प्रधानमंत्री जी के क्षेत्र वाराणसी में भी सोमवार को 1347 केस मिले। वहां भी लोगों के हाल बेहाल हैं।

यह भी पढ़े – भाजपा ‘टीका उत्सव’ मना रही जबकि जनता ‘चिता शोक’ में डूबी: अखिलेश यादव

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में पुनः लॉकडाउन की आशंका से चिंतित मुम्बई जैसे बड़े महानगर में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के श्रमिक बड़ी संख्या में पुनः वापस लौट रहे हैं। इनके रोटी-रोजगार की समस्या तो सामने आएगी ही, उनमें जो संक्रमित हैं उनसे यह संक्रमण गांवों में फैलने की भी आशंका है। झांसी में ही जांच के दौरान 20 मरीज संक्रमित मिले। सरकार को संक्रमण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। भाजपा के मुख्यमंत्री जी द्वारा आपदा में भी राजनीति और भ्रष्टाचार के अवसर तलाशने की वजह से ही आज प्रदेश में कोरोना महामारी नियंत्रण से बाहर हो गई है। उत्सव में डूबी सरकार का बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं गया। राजधानी लखनऊ जलती चिताओं का शहर बन गया है। इन बिगड़े हालात में भी मुख्यमंत्री जी स्टार प्रचारक बने घूम रहे हैं? वे अपने पद की गरिमा और संविधान की ली गई शपथ को याद रखना चाहिए।

About Samar Saleel

Check Also

लखनऊ में छावनी स्थित लेफ्टिनेंट पुनीत दत्त सभागार में धूमधाम से मनाया गया एनसीसी का स्थापना दिवस

• एनसीसी की स्थापना वर्ष 1948 में “एकता और अनुशासन” के आदर्श वाक्य के साथ ...