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प्रधान पद प्रत्याशी की मौत से शोक में डूबा गांव

बछरावां/रायबरेली। नियति कब कौन सा खेल खेलेगी इसका अंदाजा आम इंसान नहीं लगा पाता है। वह सोचता कुछ है, ईश्वर करता कुछ है। ऐसा ही एक नजारा चुरूवा गांव मे देखने को मिला। जहां गांव की जनता को विकास की आशा देखकर चुनाव लड़ने वाली श्रीमती आशा देवी पत्नी कमलाकांत त्रिवेदी की आकस्मिक मौत हो गई। उनकी आकस्मिक मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।

पूरे मजरे में घर घर जाकर श्रीमती आशा देवी ने लोगों से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। स्वभाव से मृदु व सरल श्रीमती त्रिवेदी से लोग प्रभावित थे और उन्होंने भरशक समर्थन भी दिया था। सब कुछ ठीक था पति पत्नी 2 मई का इंतजार कर रहे थे जिस दिन गणना होनी थी। उस दिन का इंतजार आम जनमानस को भी था। परंतु ईश्वर को यह मंजूर नहीं था। अचानक उनकी तबीयत खराब हुई उन्हें अत्यधिक शुगर हो गया।

परिजनों ने इलाज का भरपूर प्रयास किया। परंतु ईश्वर को शायद उनका यहां रहना मंजूर नहीं था। परिणाम से पहले जाने का पैगाम आ गया और उन्हें जाना ही पड़ा। श्रीमती त्रिवेदी के तीनों पुत्र तथा पति व परिजन चीख चीखकर उन्हें पुकार रहे हैं। परंतु उनकी चीख काल की कठोर दीवाल से टकराकर वापस आ रही है।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा

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