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यूपी में कोरोना के खिलाफ दीवार बनकर खड़ी हुईं निगरानी समितियां

लखनऊ। यूपी के ग्रामीण इलाकों में योगी सरकार की ओर से गठित की गई निगरानी समितियां कोरोना के खिलाफ दीवार बनकर खड़ी हो गई हैं। इनकी संख्या 60 हजार से अधिक है और चार लाख से अधिक सदस्य इसमें जुड़े हुए हैं। गांव-गांव में कोरोना वायरस के खात्मे के लिये इस तरह का प्रयोग करने वाला यूपी पहला राज्य बन गया है। निगरानी समिति के सदस्य सरकार के  ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के मंत्र को साकार करने में पूरी ताकत से जुटे हैं। गांव के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच रहे हैं। घर के प्रत्येक सदस्यों को बीमारी के खिलाफ जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। कोरोना की चेन तोड़ने में लगी में  60589 निगरानी समितियों के चार लाख से अधिक सदस्यों ने पिछले तीन दिनों में जनपदों में 31937797 मकानों का भ्रमण किया है। जिनमें लक्षित मकानों की संख्या 33069010 पाई गई है। निगरानी समितियों ने कुल 374685 रोगियों तक मेडिकल किट पहुंचाने का काम किया है। जनपदों में ब्लाक तक क्रियाशील सचल कोविड टेस्ट टीमों ने 6081 पॉजिटिव केसों की पुष्टि की है। टीमों ने कुल 257845 लोगों की कोविड जांच कराई गई। क्रियाशील सचल कोविड टेस्ट टीम दिवसों की कुल संख्या 12976 रही।

कोरोना की चेन तोड़ने में लगी निगरानी समितियों के सदस्यों को कई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। गांव में बीमारी के लक्षण वाले लोगों की पहचान करना और इसकी जानकारी अधिकारियों तक पहुंचाना। गांव में बाहर से आने वाले लोगों की पहचान करना, उनको गांव से बाहर आइसोलेट करना। होम आइसोलेशन के मरीजों को मेडिकल किट का वितरण कराना और बीमारी में स्वच्छता के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम तेजी से किया जा रहा है। जो घरों में आइसोलेट नहीं रह सकते हैं उनको गांव के ही विद्यालयों, सामुदायिक केन्द्रों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज की मुफ्त सुविधाएं दिलाने में भी निगरानी समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। गौरतलब है कि इतनी तेज रफ्तार से बीमारी की रोकथाम करने में जुटी योगी सरकार के शानदार कोविड प्रबंधन को दुनिया भर में प्रशंसा मिली है। सरकार के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के माइक्रो मैनेजमेंट का डब्ल्यूएचओ भी कायल हो चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी वेबसाइट पर यूपी सरकार के कोविड प्रबंधन की खुलकर तारीफ की है।

गंभीर रोगियों को हायर मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभा रहीं समितियां

ग्रामीण इलाकों में बनाई गई निगरानी समिति में लेखपाल, रोजगार सेवक, एनजीओ, एसएचजी, कोटेदार से लेकर सफाई कर्मचारी अपनी-अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। समितियों का मुख्य कार्य बीमारी को गांव में पहुंचने से रोकना है। इसके लिये लोगों को जागरूक करना, स्वच्छता के महत्व, बीमारी के खिलाफ जारी की गई गाइडलाइन्स का पालन कराना, होम आइसोलेट मरीजों तक मेडिकल किट को पहुंचाना, गांव में बाहर से आने वाले लोगों की पहचान करना, उनकी जांच करवाना, उनको गांव के बाहर आइसोलेट करना आदि कई ऐसे कार्य किये जा रहे हैं, जिससे बीमारी के वायरस ने फैलने से पहले ही दम तोड़ना शुरू कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में कोविड समेत अन्य संक्रामक बीमारियों की  रोकथाम के लिए योगी सरकार ने बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चला रखा है। राज्य में इस तरह का अभियान चलाने वाला यूपी देश का पहला राज्य है।

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