उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इं. हरि किशोर तिवारी ने सरकार द्वारा पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हो मरने वाले शिक्षकों की संख्या मात्र तीन बताये जाने पर घोर आपत्ति व्यक्त करते हुए इसे खेदजनक व हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कहा कि अधिकारी सरकार को खुश करने के लिए गलत आंकड़े दे रहे हैं जो बहुत ही खेदजनक है। उन्होंने कहा कि चुनाव में ड्यूटी करने वाले प्रदेश में एक हजार से अधिक शिक्षक/कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो चुकी है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर दो जिलों झांसी व सोनभद्र के सरकारी आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि वहां पर क्रमशः दस व छह शिक्षकों की मृत्यु 8 मई से पहले हो चुकी है तो फिर मात्र तीन शिक्षकों की मृत्यु बताना हास्यास्पद है और मेरी मांग है कि सरकार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे जो सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्देश हैं कि मृतक शिक्षक/कर्मचारियों के परिजनों को पर्याप्त मात्रा में आर्थिक सहायता दी जाये, हम लोगों ने भी अधिकारी स्तर पर हुई वार्ता के दौरान अपनी मांग रखी है। उन्होंने कहा कि मृतक शिक्षकों/कर्मचारियों के परिजनों के आंसू पोछने और उन्हें सहायता राशि दिलाने के लिए शिक्षक/कर्मचारी संगठन पीछे नहीं हटेंगे और कोर्ट से लेकर सड़कों तक जिस स्तर पर आवश्यक होगा लड़ाई लड़ी जाएगी।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर