केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को चीनी मिलों से उनका बकाया दिलाने के लिए 3500 करोड़ की सहायता की घोषणा की है। इस राशि के जरिए सरकार 60 लाख टन तक चीनी निर्यात करने के लिए सब्सिडी देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार गन्ना किसानों को उनके चीनी के अधिशेष स्टॉक को निकालने में मदद करेगी। इससे चीनी मिलों को किसानों का बकाया चुकाने में आसानी होगी। सरकार सहायता राशि चीनी मिलों की बजाए सीधे किसानों को उनके खातों में देगी।
जावड़ेकर ने बताया कि वर्ष 2020-21 के लिए 60 लाख टन तक के चीनी निर्यात को सुविधाजनक बनाया जाएगा। सरकार मार्केटिंग, संभाल खर्च, उन्नयन, प्रंससकरण और आंतरिक व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी ढुलाई खर्च में सब्सिडी देगी। सरकार इस उद्देश्य के लिए लगभग 3,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। खर्च राशी चीनी मिलों की बजाय किसानों के खाते में जाएगी। किसानों को इस तरह से चीनी मिलों पर उनकी बकाया राशी मिलेगी।
इस साल चीनी का उत्पादन 310 लाख टन होगा। देश की खपत 260 लाख टन है। चीनी का दाम कम होने की वजह से किसान और उद्योग संकट में है। इसको मात देने के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और निर्यात को सब्सिडी देने का फैसला किया गया है।