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योगी सरकार ने पलटा अपना फैसला, अब जिलों में दारोगा भी संभालेंगे थाने की कमान

लखनऊ। योगी सरकार ने अपना एक फैसला पलट दिया है। सरकार ने तय किया था कि प्रदेश के सभी थाना की कमान सिर्फ इंस्पेक्टर को ही सौंपी जाएगी। इतना ही नहीं एक इंस्पेक्टर क्राइम कंट्रोल और दूसरा इंस्पेक्टर थाना इंचार्ज की व्यवस्था के तहत काम हो रहा था। अब इसमें फेरबदल किया गया है।

प्रदेश शासन ने अब जिलों के थाना में दरोगाओं को भी थानाध्यक्ष बनाने का आदेश जारी किया है। पुलिस महकमे के इस आदेश के बाद से दरोगाओं को भी फिर से थाना की कमान संभालने का मौका मिलेगा। इस नए आदेश से दारोगा यानी सब-इंस्पेक्टर काफी खुश हैं। अभी तक सीनियर दारोगा भी सिर्फ चौकी इंचार्ज तक ही सीमित थे। अब सब सब इंस्पेक्टर को भी जिलों में थानेदारी मिल सकेगी। शासन ने पुराना नियम शिथिल करने और जिलों के थानों में 50 प्रतिशत दरोगा को थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी देने का निर्देश जारी किया है।

सूबे में कानून-व्यवस्था  को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार लगातार नए प्रयोग में लगी हुई है। इसी क्रम मे समस्त थानों में योग्य, कर्मठ, कार्यकुशल और अच्छी सत्यनिष्ठा वाले थानाध्यक्ष ही तैनात किए जाएँगे । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जनपदीय पुलिस एवं राजकीय पुलिस के समस्त थानों एवं नवसृजित थानों में कानून एवं व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाने के लिए योग्य, कर्मठ, कार्यकुशल और अच्छी सत्यनिष्ठा वाले थानाध्यक्ष ही तैनात हो। इसे सुनिश्चित करने के लिए शासन ने निरीक्षक/उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को थानाध्यक्ष के रूप में तैनात करने के सम्बन्ध में  पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि शासन के निर्देशों में कहा गया है कि थानों में थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षकों व उप निरीक्षकों की तैनाती उनकी उपयुक्तता, योग्यता, कर्मठता, कार्यकुशलता, सत्यनिष्ठा एवं व्यावहारिक दक्षता के आधार पर ही की जाए। इससे उत्कृष्ट कार्य करने वाले निरीक्षकों/उपनिरीक्षकों का मनोबल बढ़ेगा तथा अन्य अधिकारियों को अच्छा कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त होगी।

इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए यदि आवश्यक हो तो पूर्व में निर्गत आदेश में दी गयी दो तिहाई थानों में थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षकों की तैनाती की व्यवस्था को शिथिल किया जा सकेगा। आदेश में कहा गया है, यदि योग्य व उपयुक्त निरीक्षक उपलब्ध नहीं  हैं तथा उप निरीक्षक उपलब्ध हैं, तो 50 प्रतिशत तक उपनिरीक्षकों की थानाध्यक्ष के रूप में तैनाती की जा सकती है। उत्तर प्रदेश शासन में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से इस बाबत पत्र पुलिस महानिदेशक को जारी कर दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जिलों के साथ ही पुलिस कमिशनरेट में कई नए थाना खोले जा सकेंगें।

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