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चीन की लगातार कमजोर हो रही है वैश्विक छवि, दुनिया के बड़े देशों को भरोसा नहीं

नई दिल्ली। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कुछ दिन पहले अपना स्थापना दिवस मनाया था। दिन-ब-दिन चीन की छवि दुनिया भर में धूमिल हो रही है। दुनिया की एडवांस इकोनॉमी का मानना है कि चीन सरकार अपने देश के लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की इज्जत नहीं करती है। यह बात प्यू द्वारा किए गए एक रिसर्च सर्वे में सामने आई।

अमेरिका में 90 फीसद लोगों का कहना है कि चीन में लोगों की व्यक्तिगत आजादी को इज्जत हासिल नहीं है। इसमें 93 फीसद लोग रिपब्लिकन  और 87 फीसद लोग डेमोक्रेटिक विचारधारा को समर्थन करने वाले थे। कनाडा में 88 फीसद, स्वीडन में 95 फीसद, नीदरलैंड में 91 फीसद, इटली में 89 फीसद, बेल्जियम में 88 प्रतिशत, स्पेन में 87 फीसद, जर्मनी में 85 फीसद, ब्रिटेन में 84 फीसद, फ्रांस में 83 फीसद, ग्रीस में 75 फीसद लोग मानते हैं कि चीन में लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सम्मान नहीं मिलता है।

रिसर्च सर्वे के अनुसार जापान, स्वीडन, आस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया और अमेरिका के चीन को लेकर मत में 2020 से अब तक कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आया है। वहीं आस्ट्रेलिया, स्वीडन, ब्रिटेन और कनाडा जैसे मुल्कों में चीन को लेकर नकारात्मकता बढ़ी है। सिंगापुर और न्यूजीलैंड जैसे मुल्कों ने ही इस बात की वकालत की कि अमेरिका के साथ-साथ चीन से बेहतर संबंध जरूरी है। रिसर्च सर्वे में सामने आया कि स्वीडन में 80 फीसद लोगों का चीन को लेकर रवैया नकारात्मक है। वहीं अमेरिका, कनाडा, नीदरलैंड, जर्मनी के क्रमश: 76, 73, 72, 71 फीसद लोगों का चीन को लेकर नकारात्मक रूख है। सिर्फ ग्रीस के 52 फीसद लोगों का चीन के विचारों के प्रति सकारात्मकता दिखी जबकि महज 42 प्रतिशत लोग ही चीन के विचारों से असहमत थे।

सर्वे में आई प्रमुख बातें

प्यू की रिसर्च सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ कुछ लोगों को ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भरोसा है। बहुत कम लोगों को यकीन है कि वैश्विक संबंधों के मामलों में वह सही काम करेंगे। अमेरिका में 82 फीसद, कनाडा में 78 फीसद, स्वीडन में 86 फीसद, स्पेन में 78 फीसद, जर्मनी में 77 फीसद, फ्रांस में 77 फीसद, बेल्जियम में 76 फीसद ने चीन के राष्ट्रपति पर अविश्वास जताया।
सर्वे में जब देशों में लोगों से पूछा गया कि मानवाधिकारों के लिए चीन में संघर्ष जरूरी है, भले ही उसके लिए आर्थिक संबंधों को नुकसान पहुंचे तो लोगों की राय मिश्रित थी। न्यूजीलैंड (80 %), आस्ट्रेलिया (78%) और जापान (54%) ने इस बारे में अपनी राय अधिक पक्ष में दी। चीन के कोरोना आपदा को लेकर किए गए प्रयास, लोगों की व्यक्तिगत आजादी को लेकर चीन का रवैया को लेकर बुजुर्गों में अधिक नाराजगी है। सिर्फ साउथ कोरिया, ताइवान और सिंगापुर में बुजुर्ग चीन के व्यवहार से अपेक्षाकृत खुश थे। वहां के युवाओं में चीन के बिहेवियर को लेकर नाराजगी है।

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