तीर्थाटन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का विशेष महत्व रहा है। यहां के अनेक स्थल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध रहे है। लेकिन विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाओं की ओर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया। योगी आदित्यनाथ इस कमी को दूर कर रहे है। उनका कहना था कि पहले की सरकारें अयोध्या का नाम लेने से बचती थी। इस कारण यहां पर्याप्त विकास नहीं किया गया। इसी प्रकार श्री कृष्ण जन्म स्थली मथुरा वृंदावन व भोलेनाथ की नगरी काशी की भी प्रतिष्ठा है। काशी तो दुनिया की सर्वाधिक प्राचीन नगरी है।
योगी सरकार इस सभी स्थलों का गरिमा के अनुकूल विकास कर रही है। मुख्यमंत्री लगभग दो दर्जन बार अयोध्या की यात्रा पर आ चुके है। प्रत्येक बार वह यहां के लिए विकास की कोई ना कोई योजना भी लाते रहे है। इसके अलावा पहले से चल रही योजनाओं की समीक्षा भी करते है। ऐसे स्थलों का समग्र विकास किया जा रहा है। जिससे विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी सकारात्मक सन्देश मिले। समग्र विकास में दशरथ मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी शामिल है। यहां लोगों का इलाज भी हो रहा है। मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी इस मेडिकल कॉलेज को और सुविधा जनक बनाने के लिए अनेक निर्माण कार्य चल रहे हैं। कई निर्माण कार्य पूरे होने वाले हैं। जबकि कुछ महत्वपूर्ण निर्माण कार्य चल रहा है।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या विकास प्राधिकरण की तरफ से मास्टर प्लान में शामिल बीस हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी। उस वर्चुअल समीक्षा में योगी आदित्यनाथ व संबंधित अधिकारी शामिल हुए थे। मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण शामिल है। बीस हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, रामकी पैड़ी पुनर्जनन परियोजना,रामायण आध्यात्मिक वन,सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास,ब्रांडिंग अयोध्या,चौरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार,सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं।
इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है। अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी है। इनमें एयरपोर्ट,रेलवे स्टेशन के विस्तार,बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है।
ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुविधा,आश्रमों के लिए जगह,मठ,होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं। अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र व विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा। सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास होगा। सरयू नदी पर क्रूज संचालन भी शुरू होगा। ग्रीनफील्ड सिटी योजना,मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा,सरयू तट पट विकास,पैसठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी।
इसमें कोई संदेह नहीं कि कुछ वर्ष पहले तक अयोध्या उपेक्षित थी। यह विश्व स्तरीय पर्यटन व तीर्थाटन केंद्र रहा है। लेकिन यहां स्थानीय स्तर की भी सुविधाएं नहीं थी। फिर भी आस्था के कारण करोड़ों लोग यहां परेशानी उठाकर भी आते थे। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास पर ध्यान दिया। इसको स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा।
अयोध्या में इन सुविधाओं के विकास के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर केन्द्र व प्रदेश सरकार कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तथा हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन किया। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर के निर्माण कार्यों की जानकारी प्राप्त की। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास तथा सुग्रीव किला पीठाधीश्वर जगतगुरू विश्वप्रपन्नाचार्य से भी मिले।
राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के विभिन्न वॉर्डों में जाकर योगी आदित्यनाथ ने मरीजों से संवाद किया। उनके स्वास्थ्य व यहां मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। लंबित कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने का अधिकारियों को निर्देश दिया। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार भारत सरकार के साथ मिलकर मजबूती से कार्य कर रही है। चार वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश में बारह राजकीय मेडिकल कॉलेज थे। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में बत्तीस नये मेडिकल कॉलेज या तो बन चुके हैं, या बन रहे हैं। प्रदेश सरकार ने विगत वर्ष आठ नये मेडिकल कॉलेजों को प्रारम्भ किया था।
जिसमें अयोध्या का यह मेडिकल कॉलेज भी था। इस सत्र में नौ नये मेडिकल कॉलेजों का नेशनल मेडिकल कमीशन से अनुमोदन के लिए आवेदन किया गया है। जिनका इस समय निरीक्षण किया जा रहा है। इस सत्र में चौदह नये मेडिकल कॉलेज भारत सरकार के सहयोग से स्थापित किए जा रहे हैं। सोलह जिले ऐसे हैं,जहां एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं है। इन जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए पीपीपी मॉडल पर पॉलिसी लायी जा रही है। दिसम्बर तक इनके लिए सहमति एवं स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। इसके बाद देश में सर्वाधिक मेडिकल कॉलेज वाला राज्य उत्तर प्रदेश होगा। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं एवं सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी राज्य होगा।