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केंद्र सरकार द्वारा गन्ने के मूल्य में की गई बढोतरी जैसे ऊंट के मुंह में जीरा : रालोद

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने केंद्र सरकार द्वारा गन्ने के मूल्य में की गयी 5 रुपये की बढोतरी को ऊँट के मुँह में जीरा बताते हुए कहा कि सरकार की मंशा किसानों के प्रति साफ नहीं है। इसलिए राष्ट्रीय लोकदल आगामी 28 अगस्त को पूरे सूबे में किसान क्रांति दिवस मनाएगा और गन्ना तथा अन्य किसानों की समस्याओं से सम्बंधित जिलाधिकारियों के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपेगा क्योंकि केंद्र और प्रदेश की सरकारे किसानों की सुध नहीं ले रहीं हैं।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव पूर्व भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा रैलियों और मंचों के माध्यम से गन्ना किसानों के साथ 14 दिन के अंदर गन्ना मूल्य भुगतान करने का वादा किया था। लेकिन उस वादे को भूल बैठी और आज हजारो करोड़ रुपया बकाया है बल्कि केन एक्ट के अनुसार यदि 14 दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया गया तो गन्ना किसानो को ब्याज भी देय हो जाता है। सरकार उनके साथ छल कर रही है जिसे राष्ट्रीय लोकदल किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य को लेकर केंद्र सरकार तो उदासीन है ही लेकिन प्रदेश सरकार के कानो पर जूँ तक नहीं रेंग रही और चार साल में एक रूपये तक की वृद्धि नहीं की गयी, जबकि अन्य राज्यों की सरकारों ने गन्ना मूल्य में वृद्धि करके किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। योगी सरकार को भी पंजाब सरकार से सबक लेते हुए गन्ना किसानों के हित में निर्णय लेने चाहिए जिससे उत्तर प्रदेश का गन्ना किसान राहत महसूस कर सके।

रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही प्रदेश सरकार ने बकाया गन्ना मूल्य का ब्याज सहित भुगतान न किया गया तथा अन्य किसानो के हित मे उचित निर्णय नहीं लिये तो राष्ट्रीय लोकदल अब चुप बैठने वाला नहीं है। वह समस्त किसानो और मजदूरों तथा कामगारों को लामबंद करके आर-पार की लड़ाई लड़ेगा और किसानों को उसका हक दिलाकर रहेगा।

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