लखनऊ। राज्य सरकार ने अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में गन्ना किसानों को राहत देने का बड़ा काम किया है। गन्ना समितियों की सम्पत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। उनको सुरक्षित करने के लिए प्रदेश में विशेष अभियान चलाए हैँ। इससे गन्ना समितियों को सुदृढ़ होने में बड़ी मदद मिली है। सरकार के प्रयासों से आज तक प्रदेश में करीब 16 करोड़ रुपये की 33 सम्पत्तियों को कब्जों से मुक्त करा लिया गया है। पूर्व की सरकारों में इस तरह के प्रयास कभी नहीं किये गये। गन्ना समितियों की सम्पत्तियों पर अतिक्रमण हो रहा था और समितियों को कब्जा वापस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था।
- यूपी में पहली बार गन्ना समितियों की 968 सम्पत्तियां चिन्हित कर उनकी जियो-मैपिंग कराई गई
- सरकार के प्रयासों से प्रदेश में 16 करोड़ रुपये की 33 संपत्तियां हुईं कब्जों से मुक्त, दी बड़ी राहत
सरकार ने गन्ना समितियों की सभी 968 सम्पत्तियों को चिन्हित कर उनकी जियो-मैपिंग कराई। इसके बाद इन सम्पत्तियों में से 65 अतिक्रमित सम्पत्तियों को भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया गया। इनमें से 16 करोड़ रुपये की 33 सम्पत्तियां कब्जों से अभी तक मुक्त करा ली गयी हैं।
गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद ही गन्ना किसानों के लिए नई-नई योजनाएं बनाईं। बंद पड़ी चीनी मिलों का शुभारंभ कराया। किसानों को गन्ना उत्पादन से दोगुनी आय का तोहफा दिया। गन्ना खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग और सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन विधि को बढ़वा दिया गया। जिससे 50 प्रतिशत सिंचाई जल की बचत हुई। प्रदेश में दिन-प्रतिदिन जल स्तर में हो रही कमी में सुधार के लिए भूजल संचयन के विभिन्न प्रयोग किये गये। सरकार के इन प्रयासों से गुणवत्तायुक्त उत्पादन के साथ जल व ऊर्जा की बचत की गई जिससे खरपतवार में कमी आईं।