इफ्तिखारुद्दीन के सरकारी आवास में रहने वाले स्टाफ के एक कर्मचारी ने एसआईटी से बातचीत में दावा किया कि जब मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन मंडलायुक्त थे तब आवास की पूरी सूरत बदल गई थी। न किसी को पूजा पाठ करने की अनुमति थी न ही हिंदू धर्म संबंधित फोटो लगानी की छूट थी। आवास पर आए दिन लोगों को जमावड़ा लगता था, जिसमें इस्लाम संबंधी तकरीरें होती थी।
एसआईटी ने फौरी तौर पर कर्मचारियों से बातचीत की थी। जिसमें एक कर्मचारी ने ये बातें बताईं। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी जल्द ही इन लोगों के बयान दर्ज कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि आवास में तैनात कई कर्मचारी पूजा करते थे। जब इफ्तिखारुद्दीन की तैनाती हुई तो वह सभी को जाहिल कहकर बुलाते थे। वह मूर्ति की पूजा की मनाही करते थे। जिससे तमाम लोग परेशान रहते थे लेकिन उनकी हनक और पद के चलते कोई अपना मुंह नहीं खोल पाता था। वहीं होली और दीवाली जैसे त्योहार मनाने पर भी एक तरह से रोक लगा रखी थी। इन सभी तथ्यों को जांच में शामिल किया गया है।
बहरहाल, अभी तक इफ्तिखारुद्दीन के धर्मांतरण से जुड़े होने की जांच के मामले में चार वीडियो वायरल हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी के पास इस संबंध में अभी तक आठ दस वीडियो पहुंच चुके हैं। यही नहीं ये भी जानकारी मिली है कि तकरीर कई घंटे की है। जिसके तमाम वीडियो हैं। धीरे-धीरे वह सभी वीडियो वायरल किए जा रहे हैं।